सोचो और अमीर बनो
Think and Grow Rich Book Summary In Hindi
दोस्तों सोचिये और अमीर बनियें पुस्तक में लेखक नेपोलियन हिल ने हमें विभिन्न चैप्टर्स के माध्यम से पैसो के बारे में बहुत ही सरल तरीके से समझाने की कोशिश की है !
कुछ मुख्य चैप्टर्स इस प्रकार है –
विचार ही वस्तु है
इच्छा
आस्था
आत्मसुझाव
विशेषज्ञो का ज्ञान
कल्पना
सुव्यवस्थित योजना
निर्णय
लगन
मास्टर माइंड की शक्ति
अवचेतन मस्तिष्क
डर के छः भुत
1 ) विचार ही वस्तु है
कहते है ना कि जैसा हम सोचते है वैसा हम बन जाते है ! दोस्तों वर्तमान में हम जो कुछ भी है वह पास्ट में सोचे गए विचारो की वजह से ही है और वर्तमान में हमारे विचार ही तह तय करेंगे की हम भविष्य में क्या होंगे !
Think and Grow Rich में बताया गया है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति एडविन सी बार्न्स अपने विचार से बल्ब अविष्कारक एडिसन का बिज़नेस पार्टनर बनने में कामयाब रहा !
यह सब एक दिन में नहीं हुआ एडविन की सोच और दृढ इच्छा शक्ति ने ही उसे अपने मुकाम तक पहुचायां !
नेपोलियन हिल कहते है कि – “इन्सान का मस्तिष्क जो सोच सकता है और जिसमे विश्वास कर सकता है उसे वह हासिल कर सकता है !”
2 ) इच्छा ( Desire )
इस पुस्तक में नेपोलियन हिल बताते है कि कैसे हम अपनी इच्छा से वह सब कुछ पा सकते है जो हम पाना चाहते है !
इस पुस्तक में लेखक अपनी एक सच्ची कहानी सुनाता है जिसके उसके बच्चे के जन्म से ही कान नहीं थे और वह सुन नहीं सकता था ! डॉक्टरो ने भी साफ़ मना कर दिया की वह अब कभी सुन नहीं सकता !
लेकिन लेखक और उसकी पत्नी की यह प्रबल इच्छा थी की उसका बेटा सुने !
उन्होंने अपनी इस प्रबल इच्छा के दम पर कुछ ही सालो में ऐसा कर दिखाया की वह बच्चा सुनने लगा !
नेपोलियन हिल कहते है कि – “ मस्तिष्क की कोई सीमाएं नहीं है , सिवाय उनके जिन्हें हम मान लेते है ! गरीबी और अमीरी दोनों ही विचार की संताने है !”
3 ) आस्था ( Faith )
इस चेप्टर में बताया गया है कि कैसे हमें अपनी इच्छा पर आस्था या विश्वास रखना है !
दोस्तों मात्र इच्छा से ही हमें वो सब कुछ हासिल नहीं हो जाता जिसे हम चाहते है इसके लिए हमें हर पल उस पर आस्था और विश्वास रखना होता है !
इस चेप्टर में यह बताया गया है कि हम आस्था कैसे विकसित कर सकते है और आत्मविश्वास का फार्मूला भी बताया गया है !
4 )आत्मसुझाव ( Auto Suggestion )
दोस्तों आत्मसुझाव का मतलब है कि हमें स्वयं से ही हमारे माइंड को यह समझाना होगा कि हमारा लक्ष्य क्या है और उसे कैसे हासिल करना है !
यहाँ लेखक बताता है कि हमें किसी शांत जगह पर जाकर अपने लक्ष्य को एक डायरी में नोट कर लेना चाहिए ! हमें यह नोट कर लेना चाहिए कि हम क्या चाहते है या कितनी धनराशी चाहते है , उसके बाद यह नोट करे कि अमुक धनराशी या लक्ष्य को कितने टाइम में हासिल करना है !
इसके बाद हमें रोज सुबह – शाम उस लिखे हुए लक्ष्य को पढना है ! यह तब तक करना है जब तक वह विचार या लक्ष्य हमारे subconscius माइंड में नहीं बेठ जाता है !
यदि हम ऐसा करते है तो निश्चित ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे !
नेपोलियन हिल कहते है कि – “ हर मुश्किल , हर असफलता , हर दुःख में इसके बराबर या इससे बड़े लाभ का बीज छुपा हुआ रहता है !”
5 ) विशेषज्ञों का ज्ञान
इस चेप्टर के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि हमने अपने लक्ष्यों को तो नोट कर लिया लेकिन यदि हमारे पास उस लक्ष्य का कोई विशेष ज्ञान नहीं है तो फिर हम उसे पा नहीं सकते !
इसलिए आप क्या बनना या होना चाहते है उसका नोलेज ले तभी आप success हो सकते है !
6 ) कल्पना ( Imagination )
अमीरी की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम है ! कल्पना सचमुच वह वर्कशॉप है जहाँ इन्सान द्वारा बनाये गए सभी प्लान सही आकार में ढलते है ! यहाँ मस्तिषक की कल्पना की शक्ति द्वारा संवेग या इच्छा को आकार , रूप और कार्यरूप दिया जाता है !
7 ) सुव्यवस्थित योजना
दोस्तों हमें अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एक सुव्यवस्थित योजना बनानी होती है तभी हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे ! इसमें लेखक कहते है कि हमारी योजना को मूर्त रूप देने के लिए हमें दुसरो के सहयोग की जरुरत होती है !
अब प्रश्न यह है कि दुसरे लोग हमारा सहयोग क्यों करेंगे ! यदि हम पहले उनकी मदद करे तभी वह हमारा सहयोग करेंगे ! हमें अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में शामिल लोगो को साथ लेकर चलना होगा !
8 ) निर्णय ( Decision )
इस चेप्टर में लेखक कहते है कि हमें अपनी टालमटोल की आदत पर विजय पाना है तभी हम अपने निर्णयों पर कायम रह सकते है ! हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में जो भी निर्णय लेने है वह खुद से ही लेना है !
9 ) लगन ( Persistence )
इस अध्याय में लेखक कहते है कि इच्छा को आर्थिक समतुल्य में रूपांतरित करने की प्रक्रियां में लगन एक अनिवार्य तत्व है ! यदि हम अपनी इच्छाशक्ति को लगन के साथ मिला दे तो हम अपने लक्ष्यों को जल्दी ही प्राप्त कर लेंगे !
10 ) मास्टर माइंड की शक्ति
धन कमाने में सफलता के लिए शक्ति अनिवार्य है ! योजनाये तब तक निष्क्रिय और व्यर्थ है जब तक कि उन्हें कार्यरूप में रूपांतरित करने की प्रयाप्त शक्ति ना हो !
यह अध्याय वह तरीका बताएगा जिसके द्वारा कोई व्यक्ति शक्ति हासिल कर सकता है और उसका उपयोग कर सकता है !
नेपोलियन हिल कहते है कि – “ सुख करने में मिलता है सिर्फ , स्वामित्व में नही मिलता !’
11 ) अवचेतन मस्तिष्क ( Subconscious Mind )
आप अपने अवचेतन मस्तिष्क को पूरी तरह से नियंत्रित नहीं कर सकते , परन्तु आप इसे अपनी इच्छानुसार कोई भी योजना , इच्छा या लक्ष्य दे सकते है जिसे आप मूर्त रूप में होते देखना चाहते है !
इन्सान का अवचेतन मस्तिष्क एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा वह अनंत प्रज्ञा की शक्तियों का इच्छानुसार सहयोग हासिल कर सकता है !
12 ) डर के छः भूत
यह चेप्टर इस किताब का अंतिम अध्याय है जिसमे लेखक डर के छः भूतो का वर्णन करता है और हमें इन डर से दूर रहने की सलाह देता है ! लेखक के अनुसार वे 6 डर कोनसे है आइये जानते है –
गरीबी का डर
आलोचना का डर
बुरे स्वास्थ्य का डर
प्रेम के बिछोह का डर
बुढ़ापे का डर
मौत का डर
यदि इनमे से कोई भी डर हमारे अन्दर है तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते ! इसलिए हमें इन डर से दूर रहना चाहिए !
Think and Grow Rich Book हमे क्यों खरीदनी चाहिए ?
सोचिये और अमीर बनिए ( Sochiye aur Amir Baniye ) के लेखक नेपोलियन हिल एक प्रसिद्द अमेरिकी ऑथर है जिन्होंने कई वर्षो तक अध्ययन कर इस बुक का निर्माण किया ! इस पुस्तक में धन के बारे में ऐसे रहस्य बताये गए जो अभी तक हमें मालूम नही थे ! इस पुस्तक को पढ़कर हम धन के प्रति अपने माइंड सेट को बदल सकते है ! इसमें बताया गया है कि हम अपनी सोच से कैसे अमीर बन सकते है और उन नियमो को भी बताया गया है जिनके द्वारा हम ऐसा कर सकते है !

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