कम्प्यूटर & कम्प्यूटर का इतिहास ।
कंप्यूटर क्या है? (What is Computer ??)
“COMPUTER” शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare‘ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है – गणना करना। कंप्यूटर को हिंदी में “संगणक” कहा जाता है।
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है, जो उपयोगकर्ता से डेटा (Data) और निर्देशों (Instructions) के रूप में इनपुट (Input) प्राप्त करता है। एक बार इनपुट डेटा प्राप्त होने के बाद, यह डेटा की प्रोसेसिंग (Processing) शुरू कर देता है और उपयोगकर्ता के निर्देशों के अनुसार हमें आउटपुट (Output) प्रदान करता है।
सरल शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं कि,,,,
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है जो डेटा (Data) इनपुट (Input) के रूप में लेता है उसे प्रोसेस (Process) करता है तथा परिणामों (Results) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।
यह एक ऐसा आधुनिक यंत्र है जो अनेक कार्य को काफी तेजी और सरलता से करता है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आज भी जो कंप्यूटर के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए मैंने यह लेख हिंदी भाषा में लिखा ताकि इसे पढ़ कर हमारे पाठकों को कंप्यूटर के बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्त हो, आज हम में से अधिकांश अपने दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।
अब, आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा की यह
डाटा क्या है? (What is Data ??)
तो चलिए थोड़ा डेटा के बारे में भी जानते हैं। डेटा से हमारा मतलब है, किसी भी तरह की जानकारी यानी इनफार्मेशन। डेटा (Data) कुछ भी हो सकता है जैसे कि टेक्स्ट (Text), नंबर (Number), ऑडियो (Audio), वीडियो (Video) और चित्र (Image) आदि।
डेटा को “सूचना (Information)” भी कहा जाता है या सरल शब्दों में कहें तो कि सूचना ही “डेटा” है।
जब हम कंप्यूटर को इनपुट डेटा देते हैं और कंप्यूटर इसे प्रोसेस करता है और इसे आउटपुट डेटा में परिवर्तित करता है, जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोग करने योग्य होता है, तब वह सूचना (Information) होती है। अर्थात प्रोसेस्ड डेटा के आउटपुट को सूचना कहा जाता है।
मुख्य रूप से कंप्यूटर का आविष्कार (Invention) गणना उद्देश्यों के लिए किया गया था.
यदि इसे सरल भाषा में परिभाषित किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यांत्रिकी, अनुसंधान, शोध आदि में किया जाता है। कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) का एक संयोजन होता है जो डेटा को सूचना में परिवर्तित करता है।
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Introduction of Computer in hindi ..images.
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मुख्य रूप से हार्डवेयर कंप्यूटर निम्नलिखित कार्य करता है:
इनपुट (Input): कंप्यूटर को भेजी जाने वाली कमांड (Command) या डेटा (Data) को इनपुट कहा जाता है।
प्रोसेसिंग (Processing): कंप्यूटर द्वारा हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) की सहायता से की जाने वाली प्रोसेसिंग (Processing), जिसके परिणामस्वरूप आउटपुट (Output) प्राप्त होता है, उस प्रक्रिया को प्रोसेसिंग कहा जाता है।
आउटपुट (Output): कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम (Result) को आउटपुट कहा जाता है।
स्टोरेज (Storage): विभिन्न स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) जैसे हार्ड डिस्क, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, पेन ड्राइव, ऑप्टिकल डिस्क आदि का उपयोग करके कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को सुरक्षित करने के प्रक्रिया को स्टोरेज कहा जाता है।
मेमोरी (Memory) :- यह एक भौतिक उपकरण (इंटीग्रेटेड सर्किट या चिप) है जो कंप्यूटर को अस्थायी या स्थायी रूप से डेटा और प्रोग्राम को स्टोर करने में सक्षम बनाता है। इसे "प्राथमिक भंडारण" भी कहा जाता है।
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कंप्यूटर के जनक कौन हैं? (Who is The Father of Computer)
“चार्ल्स बैबेज” (Charles Babbage) एक ब्रिटिश गणितज्ञ (British Mathematician) थे। चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 नवंबर 1791 को हुआ था। 1837 में एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) के आविष्कार और अवधारणा के बाद, उन्हें “कंप्यूटर का पिता” (फादर ऑफ कंप्यूटर) कहा जाता है।
उन्होंने 1822 में पहला मैकेनिकल कंप्यूटर (Mechanical Computer) बनाया था। जिसे हम डिफरेंस इंजन (Difference Engine) के नाम से जानते हैं। जिसके आधार पर आज के सभी कंप्यूटर काम कर रहे हैं, “चार्ल्स बैबेज” को “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है। हालाँकि शुरू में उन्हें गणित (Mathematics) पसंद था, ऐसे में उन्होंने गणित की बड़ी गणना (Calculations) को हल करने के लिए “कंप्यूटर” (Computer) मशीन बनाई थी।
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कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार (Types of Computer.)
कंप्यूटर के प्रकार मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित हैं।
कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)
उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
आकार के आधार पर (Based on Size)
कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer): एनालॉग कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर सिस्टम होते हैं जो दबाव (Pressure), तापमान (Temperature), वोल्टेज (Voltage), गति (Speed) आदि जैसी मात्राओं को मापते हैं। एनालॉग कंप्यूटर भौतिक मात्राओं (Physical Quantities) को मापने के लिए जाने जाते हैं जो लगातार बदलते रहते हैं।
उदाहरण:-
वोल्टमीटर (Voltmeter) और अमीटर (Ammeter) शामिल हैं।
डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer): डिजिटल कंप्यूटर वैसे कंप्यूटर सिस्टम हैं जो कि एनालॉग कंप्यूटर के विपरीत बाइनरी नंबर सिस्टम (Binary Number System) का उपयोग करते हैं।
दूसरे शब्दों में--- डिजिटल कंप्यूटर में, सभी डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रोसेस किया जाता है। यह कंप्यूटर का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है।
आज डिजिटल कंप्यूटर ने एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) की जगह ले ली है।
उदाहरण:-
डेस्कटॉप (Desktop), पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer), वर्कस्टेशन (Workstation), टैबलेट (Tablet) आदि हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer): हाइब्रिड कंप्यूटर, जैसा कि नाम से पता चलता है, एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) के साथ-साथ डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) का भी काम कर सकता है।
हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की कार्यक्षमता होती है। हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गणना (Scientific Calculations) के लिए, बड़े उद्योगों (Large Industries) में और रक्षा प्रणालियों (Defense Systems) में किया जाता है।
उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
सामान्य कंप्यूटर (General Purpose Computer): सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर का उपयोग करके दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जा सकता है:.
उदाहरण :-
लेखन और संपादन (Word Processing), इंटरनेट ब्राउज़िंग (Internet Browsing), मनोरंजन (Entertainment) और गेम खेलना (Playing Games) आदि। डेस्कटॉप (Desktop), नोटबुक (Notebook), स्मार्टफोन (Smartphone) और टैबलेट (Tablet) सभी सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
विशेष कंप्यूटर (Special Purpose Computer): विशेष उद्देश्य कंप्यूटर एक विशेष समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन किए होते हैं। इसलिए उन्हें विशेष कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इन कंप्यूटरों का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है।
इस तरह के कंप्यूटर सिस्टम के उदाहरणों में ....
मौसम विज्ञान (Meteorology), ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (Traffic Control System), अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science), उपग्रह संचालन सिस्टम (Satellite Operating System), ऑटोमोटिव उद्योगों में (Automotive Industries), वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) आदि शामिल हैं।
आकार के आधार पर (Based on size)
आकार, भण्डारण की क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर कंप्यूटर का विभाजन (Classification Of Computer)
कंप्यूटर एक बड़े कमरे, लेपटॉप या मोबाइल के माइक्रो कन्ट्रोलर (Controller) और एम्बेडेड सिस्टम तक के आकार के हो सकते हैं।
Types Of Computer.
इस प्रकार के 4 कंप्यूटर्स है- सुपर कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर
1. सुपर कंप्यूटर Super Computer.
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) डाटा के भंडारण क्षमता, प्रदर्शन और डाटा के प्रोसेस के मामले में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर्स होते हैं। सुपर कंप्यूटर बहुत ही खास कंप्यूटर होते हैं, जो कि बड़ी और महत्वपूर्ण खोजों और वैज्ञानिक कार्य के उद्देश्यों को करने के लिए उपयोग किये जाते हैं।
जैसे :- नासा द्वारा अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित (Launch) और उन्हें नियंत्रित करने एवं अंतरिक्ष में खोज करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए उपयोग किये जाते हैं। सुपर कंप्यूटर को कार्य करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है और ये अत्यधिक महंगें भी होते हैं।
पहला 'सुपर-कंप्यूटर' वर्ष 1964 में बनाया गया था, जिसका नाम CDC 6600 था।
कुछ प्रसिद्ध सुपर कंप्यूटर है :
PARAM Super Computer भारत में
IBM’s Sequoia अमेरिका में
Fujitsu’s K Computer जापान में
2. मेनफ्रेम कंप्यूटर Mainframe Computer
मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer) भी काफी महंगे होते हैं और इनका उपयोग सरकारी संगठनों में और बड़ी व्यावसायिक कम्पनीयों द्वारा व्यापार के संचालन के लिए किया जाता है। ये कंप्यूटर एक बड़े कमरे में रखे जाते हैं, जहां इसे ठंडा रखने और दूसरी सुविधाएँ उपलब्ध होती हो। मेनफ्रेम कंप्यूटर बहुत बड़ी मात्रा में डाटा को बहुत तेज गति से प्रोसेस कर सकते हैं। विशाल व्यावसायिक बैंक, शिक्षा संस्थान और इंश्योरेंस कम्पनीयों में उनके ग्राहकों के डेटा को रखने के लिए 'मेनफ्रेम कंप्यूटर्स' का उपयोग किया जाता है।
कुछ प्रसिद्ध मेनफ्रेम कंप्यूटर है:
Fujitsu’s ICL VME
Hitachi’s Z800
3. मिनी कंप्यूटर Mini Computer.
मिनी कंप्यूटर (Mini Computers) प्रायः छोटे व्यापार में उपयोग में लिए जाते हैं। हालांकि ये सुपर कंप्यूटर के समान शक्तिशाली नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी 'मिनी कंप्यूटर' एक शक्तिशाली मशीनों की गिनती में आते हैं।
इनका इस्तेमाल बड़ी या मध्यम वर्ग की कंपनीयों और उत्पादन सदनों (Production Houses) में किया जाता है। मिनी कंप्यूटर एक एकल उपयोगकर्ता और बहु उपयोगकर्ता (Single And Multi Users Concepts) की अवधारणा के अनुसार भी कार्य करते हैं।
कुछ मिनी कंप्यूटर के उदाहरण निम्नलिखित हैं :--
K- 202
SDS- 92
Texas Instrument TI- 990
4. माइक्रो कंप्यूटर Micro Computer.
डेस्कटॉप कंप्यूटर्स, लैपटॉप, PDAs, टैबलेट्स और स्मार्ट फोन, ये सब माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computers) के ही प्रकार हैं। इन कंप्यूटरों का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है और ये बहुत तेज गति से इस्तेमाल किये जाने वाले कंप्यूटर्स के रूप में उभर रहे हैं.
माइक्रो कंप्यूटर चारों बुनियादी कंप्यूटर में से सबसे सस्ते होते हैं। माइक्रो कंप्यूटर एक सामान्य प्रकार के कार्य को करने के लिए उपयोग किये जाते हैं।
जैसे कि संचार, शिक्षा, मनोरंजन और दूसरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ।
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कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियां (Generation of Computer )
पहली पीढ़ी (1940 – 1956): कंप्यूटर की इस पहली पीढ़ी में, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो गणनाओं को करने के लिए कंप्यूटर को संभव बनाता था।
दूसरी पीढ़ी (1956 – 1963): कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर (Transistor) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसने तब कंप्यूटर का आकार को थोड़ा छोटा और परफॉरमेंस को तेज कर दिया था।
तीसरी पीढ़ी (1964 – 1971): कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह पिछली पीढ़ियों के कंप्यूटरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और तेज हो गया था।
चौथी पीढ़ी (1972 – 2010): चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो पहले, दूसरे और तीसरे पीढ़ी की तुलना में बहुत तेज, विश्वसनीय और आकार में छोटा था। जिसे आप आसानी से उठाकर कहीं भी रख सकते हैं।
पांचवीं पीढ़ी (2010 से अब तक): पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग किया गया है, जो इसे कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में सर्वोपरि बनता है, इन कंप्यूटरों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जिसके उपयोग करके यह स्वयं समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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कम्प्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer )
कम्प्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात यह उस डाटा को दिये गये निर्देशों के आधार पर प्रोसेस कर परिणाम (Result) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है। इसके द्वारा बहुत कम समय में तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है।
कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
स्वचालित (Automatic): कंप्यूटर एक स्वचालित (Automatic) उपकरण है अर्थात् यह एक बार उपयोगकर्ता (User) से सारा डाटा इनपुट (Input) के रूप में लेकर उसकी प्रोसेसिंग (Processing) करता है तथा परिणामों को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।
गति (Speed): कंप्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात, यह दिए गए निर्देशों के अनुसार एक सेकंड में लाखों बार गणनाएं कर सकता है।
इसकी काम करने की गति बहुत तेज होती है। कंप्यूटर एक बहुत तेजी से काम करने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी कार्य को सेकंड के एक हिस्से में हल कर सकता है, जबकि एक व्यक्ति उस कार्य को घंटों में हल करने में सक्षम होगा।
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कंप्यूटर एक सेकंड में एक मिलियन या उससे अधिक निर्देशों को निष्पादित कर सकता है। इसकी गति हर्ट्ज (Hz) में मापी जाती है।
त्रुटिहीनता (Accuracy): कंप्यूटर एक आधुनिक मशीन है। यदि उपयोगकर्ता निर्देश देते समय कोई गलती नहीं करता है, तो कंप्यूटर निर्देशों के अनुसार इनपुट डेटा को प्रोसेस करता है और हमें अपेक्षित परिणाम देता है जो काफी तेज और त्रुटिरहित होता है। कंप्यूटर बिना किसी गलती के सटीक गणना कर सकता है। इसकी सटीकता बहुत अधिक है ताकि यह कभी गलती न करे और सभी गणनाओं में समान सटीकता के साथ कार्य करे। कंप्यूटर तभी गलती करता है जब व्यक्ति ने गलत इनपुट या निर्देश दिया हों।
ऑटोमेशन (Automation): कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है, एक बार कंप्यूटर को निर्देश दिए जाने के बाद, यह बिना किसी मानव निगरानी के अपना काम कर सकता है।
हालाँकि कंप्यूटर मनुष्यों द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर काम करता हैं, एक बार निर्देश प्राप्त करने के बाद यह बिना रुके अपना काम कर सकता है और इसमें त्रुटियों की संभावना बहुत कम होती है।
भंडारण क्षमता (Storage Capacity): कंप्यूटर अपनी मेमोरी में किसी भी प्रकार का डेटा या इनफार्मेशन को स्टोर कर सकता है। कंप्यूटर में डाटा संग्रहण करने के लिए बाहरी तथा आंतरिक भाग होते है जैसे की हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम, आदि।
कंप्यूटर में चुंबकीय मीडिया भंडारण (Magnetic Media Storage) होता है जो बड़ी मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से सुरक्षित रखने की सुविधा देता है,
जैसे कि हार्ड डिस्क (Hard Disk), फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk), ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) आदि। जिसके साथ आप किसी भी डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
सार्वभौमिकता (Versatility): कंप्यूटर की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह एक ही समय में कई कार्य कर सकता है, जैसे कि संगीत सुनते दौरान इंटरनेट (Internet) चलाना या किसी फ़ाइल को डाउनलोड (Download) करना आदि, यह उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है कि वह कंप्यूटर सिस्टम (Computer System) का उपयोग कैसे करता है।
सक्षमता (Diligence): कंप्यूटर बिना थके लगातार कोई भी कार्य कर सकता है। इसे किसी भी प्रकार की थकान या कमजोरी नहीं होती है और और मशीन होने के कारण इसपर मौसम का कोई प्रभाव भी नहीं पड़ता है। ताकि यह बिना किसी रुकावट या गलती के किसी भी कार्य को लाखों-करोड़ों बार कर सकता है। कंप्यूटर की इस क्षमता के कारण, मानव प्रगति का बहुत विकास हुआ है।
गोपनीयता (Secrecy): कंप्यूटर में डाटा की सुरक्षा के लिए पासवर्ड विकल्प होता है, जिसके उपयोग से कंप्यूटर के डेटा को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड का उपयोग करके कंप्यूटर में रखा गया डेटा को सुरक्षित (Secure) रखा जाता है और केवल वह व्यक्ति जिसके पास पासवर्ड होता है, डेटा को एक्सेस (Access) कर सकता है।
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कंप्यूटर के उपयोग (Application of Computer)
शिक्षा (Education):
शिक्षा (Education): कंप्यूटर ने पूरी दुनिया की शिक्षा प्रणालियों (Education Systems) को पूरी तरह से अलग स्तर पर ले गया हैं। पारंपरिक क्लासरूम (Traditional Classroom) कंप्यूटर के आगमन के साथ आधुनिक बन गए हैं।
मल्टीमीडिया (Multimedia) और कंप्यूटर आधारित शिक्षा की मदद से अब छात्रों को पाठ्यक्रम को समझना आसान हो गया है। डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library) ने छात्रों को एक क्लिक में सभी किताबें उपलब्ध कराने में मदद की है। उन्हें नीरस ब्लैकबोर्ड शिक्षण की तुलना में डिजिटल शिक्षण (Digital Learning) का अनुभव बेहतर लगता है।
इस तरह, छात्रों की याद रखने की शक्ति बढ़ जाती है क्योंकि कक्षा शिक्षण दिलचस्प हो जाता है।
कंप्यूटर न केवल पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करता हैं बल्कि शैक्षिक पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करने का एक नया तरीका भी प्रदान करता हैं.
आज, जहाँ स्कूल और कॉलेजों की सुविधा उपलब्द नही है वहाँ ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) के माध्यम से, छात्रों को उनकी सुविधा के अनुसार घर पर ही शिक्षा मिल रही है, साथ ही कंप्यूटर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके शोध कार्य में भी मदद करता हैं।
कंप्यूटर की मदद से छात्र अब आसानी से अपने शोध कार्य (Research Work) को आगे बढ़ाते हैं और आसान क्लिकों में पर्याप्त जानकारी प्राप्त करते हैं।
वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): विज्ञान के कई जटिल रहस्यों को सुलझाने के लिए कंप्यूटर की मदद ली जा रही है। यह बड़ी तीव्रता के साथ गणना करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। कंप्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन करना भी संभव है, इसलिए वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) में भी कंप्यूटर का विशेष उपयोग किया जा रहा है।
बैंक (Bank): बैंकिंग में, कंप्यूटर के उपयोग ने क्रांति ला दी है। इसका उपयोग ग्राहकों के लेनदेन की रिपोर्ट बनाने, एटीएम (Automated Teller Machine), ऑनलाइन बैंकिंग, चेकों का भुगतान, इ.सी.एस. (Electronic Clearing Service), पैसों की गिनती, पासबुक अपडेट करने आदि में उपयोग किया जा रहा है।
अस्पताल (Hospital): अस्पतालों में कंप्यूटर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, हम विभिन्न दवाओं, उनके वितरण और स्टॉक आदि का रिकॉर्ड रख सकते हैं। कंप्यूटर का उपयोग शरीर के अंदर की बीमारियों का पता लगाने और विश्लेषण और निदान करने में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है,
जैसे:- डिजिटल एक्स-रे (Digital X-Ray), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT Scan), ईसीजी (ECG) मशीनें आदि।
कंप्यूटरों का उपयोग करके रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड संग्रहीत किए जाते हैं। हम कंप्यूटर पर रोगियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को संग्रहीत कर सकते हैं ताकि हम उनके पिछले उपचार, सुझाए गए दवाओं और उनके परिणामों का रिकॉर्ड रख सकें।
ऐसे सिस्टम डॉक्टरों के लिए बहुत प्रभावी और सहायक हो सकते हैं। कुछ गंभीर रोगियों को निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है, वहाँ भी रोगियों के रक्तचाप, दिल की धड़कन और मस्तिष्क की निगरानी के लिए कम्प्यूटरीकृत उपकरणों (Computerized Devices) का उपयोग किया जाता है।
आज, कंप्यूटर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत आसान है जहां रोगी के लक्षणों को दर्ज करके रोग का निदान प्राप्त किया जा सकता है। विभिन्न कम्प्यूटरीकृत उपकरणों का उपयोग प्रयोगशालाओं में रक्त, मूत्र, बलगम, मल आदि के विभिन्न परीक्षणों के लिए किया जाता है।
रक्षा (Defence): रक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर के कई उपयोग हैं जैसे रक्षा अनुसंधान (Defense Research), वायुयान नियंत्रण प्रणाली (Aircraft Control System), रक्षा संचार प्रणाली (Defence Communication System), मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम (Missile Tracking System), रडार सिस्टम (Radar System) आदि में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।
कंप्यूटर का उपयोग आने वाली मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है और उन्हें नष्ट करने के लिए हथियार सिस्टम को सक्रिय करने में उपयोग किया जाता है।
कंप्यूटरों का उपयोग टैंक, विमानों और जहाजों मे दुश्मन बलों पर निशाना लगाने के लिए किया जाता है, कंप्यूटर का उपयोग सरकारी अधिकारियों को गुप्त जानकारी (Secret Information) भेजने के लिए किया जाता है।
संचार (Communication): कंप्यूटर के उपयोग के बिना आधुनिक संचार संभव नहीं है। टेलीफोन (Telephone) और इंटरनेट (Internet) ने संचार क्रांति को जन्म दिया है।
संचार के लिए कंप्यूटर बहुत महत्वपूर्ण होता हैं, कुछ संचार में केबल (Cable) और तार (Wire) शामिल होते हैं; दूसरों को वायरलेस (Wireless) तरीके से हवा के माध्यम से भेजा जाता है।
संचार प्रणालियों (Communication Systems) में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर और कम्प्यूटरीकृत उपकरण का उपयोग किया जाता है।
उद्योग व व्यापार (Industry & Business): उद्योगों में कंप्यूटर का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता (Better Quality) वाले वस्तुओं का उत्पादन (Production) संभव हो पाया है। व्यवसाय में कंप्यूटर का उपयोग कार्यों का रिकॉर्ड बनाए रखने और खर्चों, मुनाफे और नुकसान की गणना करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
मनोरंजन (Entertainment): आज के डिजिटल युग में लगभग हर क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। आजकल यह मनोरंजन के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और लोकप्रिय उपकरण है।
सिनेमा (Cinema), टेलीविजन (Television), संगीत (Music), वीडियो गेम (Video Game) आदि में कंप्यूटर का उपयोग करके प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के उपयोग ने कंप्यूटर को मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन बना दिया है। आज, कंप्यूटर का उपयोग वीडियो देखने और संगीत डाउनलोड करने, वीडियो गेम खेलने आदि के लिए किया जाता है।
प्रकाशन (Publication): कंप्यूटर का उपयोग प्रकाशन और मुद्रण (Publishing and Printing) उद्योग में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर का उपयोग इसे सुविधाजनक और आकर्षक बनाता है। कंप्यूटर का उपयोग पेज लेआउट (Page Layout) बनाने के साथ-साथ प्रिंट करने के लिए भी किया जाता है, रेखाचित्रों (Diagrams) और ग्राफ (Graph) को बनाना अब सुविधाजनक हो गया है। कंप्यूटर ने पुस्तकों (Books) और पत्रिकाओं (Magazines) के निर्माण और पढ़ने के तरीके को बदल दिया है। आज पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए हार्ड-कॉपी किताबों के साथ-साथ ई-पुस्तकें (eBooks) भी प्रकाशित की जाती हैं।
प्रशासन (Administration): सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सरकारी कर्मचारियों को कई तरह की रिपोर्ट तैयार करनी होती है। सरकार के विभिन्न विभागों के सभी प्रशासनिक कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं। आज, डिजिटल इंडिया (Digital India) के माध्यम से, प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों को डिजिटल रूप देकर इसकी गति बढ़ा दी है।
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कंप्यूटर क्या है? (What is Computer ??)
“COMPUTER” शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘Computare‘ शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है – गणना करना। कंप्यूटर को हिंदी में “संगणक” कहा जाता है।
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है, जो उपयोगकर्ता से डेटा (Data) और निर्देशों (Instructions) के रूप में इनपुट (Input) प्राप्त करता है। एक बार इनपुट डेटा प्राप्त होने के बाद, यह डेटा की प्रोसेसिंग (Processing) शुरू कर देता है और उपयोगकर्ता के निर्देशों के अनुसार हमें आउटपुट (Output) प्रदान करता है।
सरल शब्दों में, हम यह भी कह सकते हैं कि,,,,
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Device) है जो डेटा (Data) इनपुट (Input) के रूप में लेता है उसे प्रोसेस (Process) करता है तथा परिणामों (Results) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।
यह एक ऐसा आधुनिक यंत्र है जो अनेक कार्य को काफी तेजी और सरलता से करता है। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आज भी जो कंप्यूटर के बारे में नहीं जानते हैं। इसलिए मैंने यह लेख हिंदी भाषा में लिखा ताकि इसे पढ़ कर हमारे पाठकों को कंप्यूटर के बारे में बुनियादी जानकारी प्राप्त हो, आज हम में से अधिकांश अपने दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।
अब, आपके मन में यह सवाल जरुर आ रहा होगा की यह
डाटा क्या है? (What is Data ??)
तो चलिए थोड़ा डेटा के बारे में भी जानते हैं। डेटा से हमारा मतलब है, किसी भी तरह की जानकारी यानी इनफार्मेशन। डेटा (Data) कुछ भी हो सकता है जैसे कि टेक्स्ट (Text), नंबर (Number), ऑडियो (Audio), वीडियो (Video) और चित्र (Image) आदि।
डेटा को “सूचना (Information)” भी कहा जाता है या सरल शब्दों में कहें तो कि सूचना ही “डेटा” है।
जब हम कंप्यूटर को इनपुट डेटा देते हैं और कंप्यूटर इसे प्रोसेस करता है और इसे आउटपुट डेटा में परिवर्तित करता है, जो उपयोगकर्ता के लिए उपयोग करने योग्य होता है, तब वह सूचना (Information) होती है। अर्थात प्रोसेस्ड डेटा के आउटपुट को सूचना कहा जाता है।
मुख्य रूप से कंप्यूटर का आविष्कार (Invention) गणना उद्देश्यों के लिए किया गया था.
यदि इसे सरल भाषा में परिभाषित किया जाए तो यह कहा जा सकता है कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जिसका उपयोग गणना, प्रक्रिया, यांत्रिकी, अनुसंधान, शोध आदि में किया जाता है। कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) का एक संयोजन होता है जो डेटा को सूचना में परिवर्तित करता है।
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इस लिंक को पढे़।-----👉👉
Introduction of Computer in hindi ..images.
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मुख्य रूप से हार्डवेयर कंप्यूटर निम्नलिखित कार्य करता है:
इनपुट (Input): कंप्यूटर को भेजी जाने वाली कमांड (Command) या डेटा (Data) को इनपुट कहा जाता है।
प्रोसेसिंग (Processing): कंप्यूटर द्वारा हार्डवेयर (Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) की सहायता से की जाने वाली प्रोसेसिंग (Processing), जिसके परिणामस्वरूप आउटपुट (Output) प्राप्त होता है, उस प्रक्रिया को प्रोसेसिंग कहा जाता है।
आउटपुट (Output): कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणाम (Result) को आउटपुट कहा जाता है।
स्टोरेज (Storage): विभिन्न स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) जैसे हार्ड डिस्क, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, पेन ड्राइव, ऑप्टिकल डिस्क आदि का उपयोग करके कंप्यूटर द्वारा प्राप्त परिणामों को सुरक्षित करने के प्रक्रिया को स्टोरेज कहा जाता है।
मेमोरी (Memory) :- यह एक भौतिक उपकरण (इंटीग्रेटेड सर्किट या चिप) है जो कंप्यूटर को अस्थायी या स्थायी रूप से डेटा और प्रोग्राम को स्टोर करने में सक्षम बनाता है। इसे "प्राथमिक भंडारण" भी कहा जाता है।
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कंप्यूटर के जनक कौन हैं? (Who is The Father of Computer)
“चार्ल्स बैबेज” (Charles Babbage) एक ब्रिटिश गणितज्ञ (British Mathematician) थे। चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 नवंबर 1791 को हुआ था। 1837 में एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine) के आविष्कार और अवधारणा के बाद, उन्हें “कंप्यूटर का पिता” (फादर ऑफ कंप्यूटर) कहा जाता है।
उन्होंने 1822 में पहला मैकेनिकल कंप्यूटर (Mechanical Computer) बनाया था। जिसे हम डिफरेंस इंजन (Difference Engine) के नाम से जानते हैं। जिसके आधार पर आज के सभी कंप्यूटर काम कर रहे हैं, “चार्ल्स बैबेज” को “कंप्यूटर का जनक” कहा जाता है। हालाँकि शुरू में उन्हें गणित (Mathematics) पसंद था, ऐसे में उन्होंने गणित की बड़ी गणना (Calculations) को हल करने के लिए “कंप्यूटर” (Computer) मशीन बनाई थी।
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कम्प्यूटर के विभिन्न प्रकार (Types of Computer.)
कंप्यूटर के प्रकार मुख्य रूप से तीन भागों में विभाजित हैं।
कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)
उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
आकार के आधार पर (Based on Size)
कार्यप्रणाली के आधार पर (Based on Work)
एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer): एनालॉग कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर सिस्टम होते हैं जो दबाव (Pressure), तापमान (Temperature), वोल्टेज (Voltage), गति (Speed) आदि जैसी मात्राओं को मापते हैं। एनालॉग कंप्यूटर भौतिक मात्राओं (Physical Quantities) को मापने के लिए जाने जाते हैं जो लगातार बदलते रहते हैं।
उदाहरण:-
वोल्टमीटर (Voltmeter) और अमीटर (Ammeter) शामिल हैं।
डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer): डिजिटल कंप्यूटर वैसे कंप्यूटर सिस्टम हैं जो कि एनालॉग कंप्यूटर के विपरीत बाइनरी नंबर सिस्टम (Binary Number System) का उपयोग करते हैं।
दूसरे शब्दों में--- डिजिटल कंप्यूटर में, सभी डेटा को 0 और 1 के रूप में प्रोसेस किया जाता है। यह कंप्यूटर का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है।
आज डिजिटल कंप्यूटर ने एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) की जगह ले ली है।
उदाहरण:-
डेस्कटॉप (Desktop), पर्सनल कंप्यूटर (Personal Computer), वर्कस्टेशन (Workstation), टैबलेट (Tablet) आदि हैं।
हाइब्रिड कंप्यूटर (Hybrid Computer): हाइब्रिड कंप्यूटर, जैसा कि नाम से पता चलता है, एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) के साथ-साथ डिजिटल कंप्यूटर (Digital Computer) का भी काम कर सकता है।
हाइब्रिड कंप्यूटर में एनालॉग और डिजिटल कंप्यूटर दोनों की कार्यक्षमता होती है। हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक गणना (Scientific Calculations) के लिए, बड़े उद्योगों (Large Industries) में और रक्षा प्रणालियों (Defense Systems) में किया जाता है।
उद्देश्य के आधार पर (Based on Purpose)
सामान्य कंप्यूटर (General Purpose Computer): सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर का उपयोग करके दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जा सकता है:.
उदाहरण :-
लेखन और संपादन (Word Processing), इंटरनेट ब्राउज़िंग (Internet Browsing), मनोरंजन (Entertainment) और गेम खेलना (Playing Games) आदि। डेस्कटॉप (Desktop), नोटबुक (Notebook), स्मार्टफोन (Smartphone) और टैबलेट (Tablet) सभी सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर के उदाहरण हैं।
विशेष कंप्यूटर (Special Purpose Computer): विशेष उद्देश्य कंप्यूटर एक विशेष समस्या को हल करने के लिए डिज़ाइन किए होते हैं। इसलिए उन्हें विशेष कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इन कंप्यूटरों का उपयोग किसी विशेष कार्य को करने के लिए किया जाता है।
इस तरह के कंप्यूटर सिस्टम के उदाहरणों में ....
मौसम विज्ञान (Meteorology), ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (Traffic Control System), अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science), उपग्रह संचालन सिस्टम (Satellite Operating System), ऑटोमोटिव उद्योगों में (Automotive Industries), वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) आदि शामिल हैं।
आकार के आधार पर (Based on size)
आकार, भण्डारण की क्षमता और प्रदर्शन के आधार पर कंप्यूटर का विभाजन (Classification Of Computer)
कंप्यूटर एक बड़े कमरे, लेपटॉप या मोबाइल के माइक्रो कन्ट्रोलर (Controller) और एम्बेडेड सिस्टम तक के आकार के हो सकते हैं।
Types Of Computer.
इस प्रकार के 4 कंप्यूटर्स है- सुपर कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर
1. सुपर कंप्यूटर Super Computer.
सुपर कंप्यूटर (Super Computer) डाटा के भंडारण क्षमता, प्रदर्शन और डाटा के प्रोसेस के मामले में सबसे शक्तिशाली कंप्यूटर्स होते हैं। सुपर कंप्यूटर बहुत ही खास कंप्यूटर होते हैं, जो कि बड़ी और महत्वपूर्ण खोजों और वैज्ञानिक कार्य के उद्देश्यों को करने के लिए उपयोग किये जाते हैं।
जैसे :- नासा द्वारा अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित (Launch) और उन्हें नियंत्रित करने एवं अंतरिक्ष में खोज करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए उपयोग किये जाते हैं। सुपर कंप्यूटर को कार्य करने के लिए बहुत ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती है और ये अत्यधिक महंगें भी होते हैं।
पहला 'सुपर-कंप्यूटर' वर्ष 1964 में बनाया गया था, जिसका नाम CDC 6600 था।
कुछ प्रसिद्ध सुपर कंप्यूटर है :
PARAM Super Computer भारत में
IBM’s Sequoia अमेरिका में
Fujitsu’s K Computer जापान में
2. मेनफ्रेम कंप्यूटर Mainframe Computer
मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer) भी काफी महंगे होते हैं और इनका उपयोग सरकारी संगठनों में और बड़ी व्यावसायिक कम्पनीयों द्वारा व्यापार के संचालन के लिए किया जाता है। ये कंप्यूटर एक बड़े कमरे में रखे जाते हैं, जहां इसे ठंडा रखने और दूसरी सुविधाएँ उपलब्ध होती हो। मेनफ्रेम कंप्यूटर बहुत बड़ी मात्रा में डाटा को बहुत तेज गति से प्रोसेस कर सकते हैं। विशाल व्यावसायिक बैंक, शिक्षा संस्थान और इंश्योरेंस कम्पनीयों में उनके ग्राहकों के डेटा को रखने के लिए 'मेनफ्रेम कंप्यूटर्स' का उपयोग किया जाता है।
कुछ प्रसिद्ध मेनफ्रेम कंप्यूटर है:
Fujitsu’s ICL VME
Hitachi’s Z800
3. मिनी कंप्यूटर Mini Computer.
मिनी कंप्यूटर (Mini Computers) प्रायः छोटे व्यापार में उपयोग में लिए जाते हैं। हालांकि ये सुपर कंप्यूटर के समान शक्तिशाली नहीं होते हैं, लेकिन फिर भी 'मिनी कंप्यूटर' एक शक्तिशाली मशीनों की गिनती में आते हैं।
इनका इस्तेमाल बड़ी या मध्यम वर्ग की कंपनीयों और उत्पादन सदनों (Production Houses) में किया जाता है। मिनी कंप्यूटर एक एकल उपयोगकर्ता और बहु उपयोगकर्ता (Single And Multi Users Concepts) की अवधारणा के अनुसार भी कार्य करते हैं।
कुछ मिनी कंप्यूटर के उदाहरण निम्नलिखित हैं :--
K- 202
SDS- 92
Texas Instrument TI- 990
4. माइक्रो कंप्यूटर Micro Computer.
डेस्कटॉप कंप्यूटर्स, लैपटॉप, PDAs, टैबलेट्स और स्मार्ट फोन, ये सब माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computers) के ही प्रकार हैं। इन कंप्यूटरों का उपयोग बहुत ज्यादा किया जाता है और ये बहुत तेज गति से इस्तेमाल किये जाने वाले कंप्यूटर्स के रूप में उभर रहे हैं.
माइक्रो कंप्यूटर चारों बुनियादी कंप्यूटर में से सबसे सस्ते होते हैं। माइक्रो कंप्यूटर एक सामान्य प्रकार के कार्य को करने के लिए उपयोग किये जाते हैं।
जैसे कि संचार, शिक्षा, मनोरंजन और दूसरे उद्देश्यों को पूरा करने के लिए ।
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कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियां (Generation of Computer )
पहली पीढ़ी (1940 – 1956): कंप्यूटर की इस पहली पीढ़ी में, वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tube) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो गणनाओं को करने के लिए कंप्यूटर को संभव बनाता था।
दूसरी पीढ़ी (1956 – 1963): कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी में ट्रांजिस्टर (Transistor) तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसने तब कंप्यूटर का आकार को थोड़ा छोटा और परफॉरमेंस को तेज कर दिया था।
तीसरी पीढ़ी (1964 – 1971): कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह पिछली पीढ़ियों के कंप्यूटरों की तुलना में अधिक विश्वसनीय और तेज हो गया था।
चौथी पीढ़ी (1972 – 2010): चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में, माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) तकनीक का उपयोग किया गया था, जो पहले, दूसरे और तीसरे पीढ़ी की तुलना में बहुत तेज, विश्वसनीय और आकार में छोटा था। जिसे आप आसानी से उठाकर कहीं भी रख सकते हैं।
पांचवीं पीढ़ी (2010 से अब तक): पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटरों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का उपयोग किया गया है, जो इसे कंप्यूटर प्रौद्योगिकी में सर्वोपरि बनता है, इन कंप्यूटरों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जिसके उपयोग करके यह स्वयं समस्या का समाधान कर सकते हैं।
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कम्प्यूटर की विशेषताएं (Characteristics of Computer )
कम्प्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात यह उस डाटा को दिये गये निर्देशों के आधार पर प्रोसेस कर परिणाम (Result) को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है। इसके द्वारा बहुत कम समय में तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है।
कंप्यूटर की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
स्वचालित (Automatic): कंप्यूटर एक स्वचालित (Automatic) उपकरण है अर्थात् यह एक बार उपयोगकर्ता (User) से सारा डाटा इनपुट (Input) के रूप में लेकर उसकी प्रोसेसिंग (Processing) करता है तथा परिणामों को आउटपुट (Output) के रूप में हमे प्रदान करता है।
गति (Speed): कंप्यूटर में एक बार डेटा इनपुट करने के पश्चात, यह दिए गए निर्देशों के अनुसार एक सेकंड में लाखों बार गणनाएं कर सकता है।
इसकी काम करने की गति बहुत तेज होती है। कंप्यूटर एक बहुत तेजी से काम करने वाला इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो किसी कार्य को सेकंड के एक हिस्से में हल कर सकता है, जबकि एक व्यक्ति उस कार्य को घंटों में हल करने में सक्षम होगा।
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कंप्यूटर एक सेकंड में एक मिलियन या उससे अधिक निर्देशों को निष्पादित कर सकता है। इसकी गति हर्ट्ज (Hz) में मापी जाती है।
त्रुटिहीनता (Accuracy): कंप्यूटर एक आधुनिक मशीन है। यदि उपयोगकर्ता निर्देश देते समय कोई गलती नहीं करता है, तो कंप्यूटर निर्देशों के अनुसार इनपुट डेटा को प्रोसेस करता है और हमें अपेक्षित परिणाम देता है जो काफी तेज और त्रुटिरहित होता है। कंप्यूटर बिना किसी गलती के सटीक गणना कर सकता है। इसकी सटीकता बहुत अधिक है ताकि यह कभी गलती न करे और सभी गणनाओं में समान सटीकता के साथ कार्य करे। कंप्यूटर तभी गलती करता है जब व्यक्ति ने गलत इनपुट या निर्देश दिया हों।
ऑटोमेशन (Automation): कंप्यूटर एक स्वचालित मशीन है, एक बार कंप्यूटर को निर्देश दिए जाने के बाद, यह बिना किसी मानव निगरानी के अपना काम कर सकता है।
हालाँकि कंप्यूटर मनुष्यों द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर काम करता हैं, एक बार निर्देश प्राप्त करने के बाद यह बिना रुके अपना काम कर सकता है और इसमें त्रुटियों की संभावना बहुत कम होती है।
भंडारण क्षमता (Storage Capacity): कंप्यूटर अपनी मेमोरी में किसी भी प्रकार का डेटा या इनफार्मेशन को स्टोर कर सकता है। कंप्यूटर में डाटा संग्रहण करने के लिए बाहरी तथा आंतरिक भाग होते है जैसे की हार्ड डिस्क, फ्लापी डिस्क, मैग्नेटिक टेप, सीडी रॉम, आदि।
कंप्यूटर में चुंबकीय मीडिया भंडारण (Magnetic Media Storage) होता है जो बड़ी मात्रा में डेटा को स्थायी रूप से सुरक्षित रखने की सुविधा देता है,
जैसे कि हार्ड डिस्क (Hard Disk), फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk), ऑप्टिकल डिस्क (Optical Disk) आदि। जिसके साथ आप किसी भी डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
सार्वभौमिकता (Versatility): कंप्यूटर की सबसे अच्छी विशेषता यह है कि यह एक ही समय में कई कार्य कर सकता है, जैसे कि संगीत सुनते दौरान इंटरनेट (Internet) चलाना या किसी फ़ाइल को डाउनलोड (Download) करना आदि, यह उपयोगकर्ता पर निर्भर करता है कि वह कंप्यूटर सिस्टम (Computer System) का उपयोग कैसे करता है।
सक्षमता (Diligence): कंप्यूटर बिना थके लगातार कोई भी कार्य कर सकता है। इसे किसी भी प्रकार की थकान या कमजोरी नहीं होती है और और मशीन होने के कारण इसपर मौसम का कोई प्रभाव भी नहीं पड़ता है। ताकि यह बिना किसी रुकावट या गलती के किसी भी कार्य को लाखों-करोड़ों बार कर सकता है। कंप्यूटर की इस क्षमता के कारण, मानव प्रगति का बहुत विकास हुआ है।
गोपनीयता (Secrecy): कंप्यूटर में डाटा की सुरक्षा के लिए पासवर्ड विकल्प होता है, जिसके उपयोग से कंप्यूटर के डेटा को गोपनीय बनाया जा सकता है। पासवर्ड का उपयोग करके कंप्यूटर में रखा गया डेटा को सुरक्षित (Secure) रखा जाता है और केवल वह व्यक्ति जिसके पास पासवर्ड होता है, डेटा को एक्सेस (Access) कर सकता है।
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कंप्यूटर के उपयोग (Application of Computer)
शिक्षा (Education):
शिक्षा (Education): कंप्यूटर ने पूरी दुनिया की शिक्षा प्रणालियों (Education Systems) को पूरी तरह से अलग स्तर पर ले गया हैं। पारंपरिक क्लासरूम (Traditional Classroom) कंप्यूटर के आगमन के साथ आधुनिक बन गए हैं।
मल्टीमीडिया (Multimedia) और कंप्यूटर आधारित शिक्षा की मदद से अब छात्रों को पाठ्यक्रम को समझना आसान हो गया है। डिजिटल लाइब्रेरी (Digital Library) ने छात्रों को एक क्लिक में सभी किताबें उपलब्ध कराने में मदद की है। उन्हें नीरस ब्लैकबोर्ड शिक्षण की तुलना में डिजिटल शिक्षण (Digital Learning) का अनुभव बेहतर लगता है।
इस तरह, छात्रों की याद रखने की शक्ति बढ़ जाती है क्योंकि कक्षा शिक्षण दिलचस्प हो जाता है।
कंप्यूटर न केवल पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करता हैं बल्कि शैक्षिक पाठ्यक्रम और डिग्री प्रदान करने का एक नया तरीका भी प्रदान करता हैं.
आज, जहाँ स्कूल और कॉलेजों की सुविधा उपलब्द नही है वहाँ ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) के माध्यम से, छात्रों को उनकी सुविधा के अनुसार घर पर ही शिक्षा मिल रही है, साथ ही कंप्यूटर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को उनके शोध कार्य में भी मदद करता हैं।
कंप्यूटर की मदद से छात्र अब आसानी से अपने शोध कार्य (Research Work) को आगे बढ़ाते हैं और आसान क्लिकों में पर्याप्त जानकारी प्राप्त करते हैं।
वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research): विज्ञान के कई जटिल रहस्यों को सुलझाने के लिए कंप्यूटर की मदद ली जा रही है। यह बड़ी तीव्रता के साथ गणना करने के लिए भी बहुत उपयोगी है। कंप्यूटर में परिस्थितियों का उचित आकलन करना भी संभव है, इसलिए वैज्ञानिक अनुसंधान (Scientific Research) में भी कंप्यूटर का विशेष उपयोग किया जा रहा है।
बैंक (Bank): बैंकिंग में, कंप्यूटर के उपयोग ने क्रांति ला दी है। इसका उपयोग ग्राहकों के लेनदेन की रिपोर्ट बनाने, एटीएम (Automated Teller Machine), ऑनलाइन बैंकिंग, चेकों का भुगतान, इ.सी.एस. (Electronic Clearing Service), पैसों की गिनती, पासबुक अपडेट करने आदि में उपयोग किया जा रहा है।
अस्पताल (Hospital): अस्पतालों में कंप्यूटर की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, हम विभिन्न दवाओं, उनके वितरण और स्टॉक आदि का रिकॉर्ड रख सकते हैं। कंप्यूटर का उपयोग शरीर के अंदर की बीमारियों का पता लगाने और विश्लेषण और निदान करने में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है,
जैसे:- डिजिटल एक्स-रे (Digital X-Ray), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT Scan), ईसीजी (ECG) मशीनें आदि।
कंप्यूटरों का उपयोग करके रोगियों के मेडिकल रिकॉर्ड संग्रहीत किए जाते हैं। हम कंप्यूटर पर रोगियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को संग्रहीत कर सकते हैं ताकि हम उनके पिछले उपचार, सुझाए गए दवाओं और उनके परिणामों का रिकॉर्ड रख सकें।
ऐसे सिस्टम डॉक्टरों के लिए बहुत प्रभावी और सहायक हो सकते हैं। कुछ गंभीर रोगियों को निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है, वहाँ भी रोगियों के रक्तचाप, दिल की धड़कन और मस्तिष्क की निगरानी के लिए कम्प्यूटरीकृत उपकरणों (Computerized Devices) का उपयोग किया जाता है।
आज, कंप्यूटर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना बहुत आसान है जहां रोगी के लक्षणों को दर्ज करके रोग का निदान प्राप्त किया जा सकता है। विभिन्न कम्प्यूटरीकृत उपकरणों का उपयोग प्रयोगशालाओं में रक्त, मूत्र, बलगम, मल आदि के विभिन्न परीक्षणों के लिए किया जाता है।
रक्षा (Defence): रक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर के कई उपयोग हैं जैसे रक्षा अनुसंधान (Defense Research), वायुयान नियंत्रण प्रणाली (Aircraft Control System), रक्षा संचार प्रणाली (Defence Communication System), मिसाइल ट्रैकिंग सिस्टम (Missile Tracking System), रडार सिस्टम (Radar System) आदि में कम्प्यूटर का उपयोग किया जा रहा है।
कंप्यूटर का उपयोग आने वाली मिसाइलों को ट्रैक करने के लिए किया जाता है और उन्हें नष्ट करने के लिए हथियार सिस्टम को सक्रिय करने में उपयोग किया जाता है।
कंप्यूटरों का उपयोग टैंक, विमानों और जहाजों मे दुश्मन बलों पर निशाना लगाने के लिए किया जाता है, कंप्यूटर का उपयोग सरकारी अधिकारियों को गुप्त जानकारी (Secret Information) भेजने के लिए किया जाता है।
संचार (Communication): कंप्यूटर के उपयोग के बिना आधुनिक संचार संभव नहीं है। टेलीफोन (Telephone) और इंटरनेट (Internet) ने संचार क्रांति को जन्म दिया है।
संचार के लिए कंप्यूटर बहुत महत्वपूर्ण होता हैं, कुछ संचार में केबल (Cable) और तार (Wire) शामिल होते हैं; दूसरों को वायरलेस (Wireless) तरीके से हवा के माध्यम से भेजा जाता है।
संचार प्रणालियों (Communication Systems) में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर और कम्प्यूटरीकृत उपकरण का उपयोग किया जाता है।
उद्योग व व्यापार (Industry & Business): उद्योगों में कंप्यूटर का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता (Better Quality) वाले वस्तुओं का उत्पादन (Production) संभव हो पाया है। व्यवसाय में कंप्यूटर का उपयोग कार्यों का रिकॉर्ड बनाए रखने और खर्चों, मुनाफे और नुकसान की गणना करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित हुआ है।
मनोरंजन (Entertainment): आज के डिजिटल युग में लगभग हर क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग किया जा रहा है। आजकल यह मनोरंजन के क्षेत्र में एक बहुत ही महत्वपूर्ण और लोकप्रिय उपकरण है।
सिनेमा (Cinema), टेलीविजन (Television), संगीत (Music), वीडियो गेम (Video Game) आदि में कंप्यूटर का उपयोग करके प्रभावी मनोरंजन प्रस्तुत किया जा रहा है। मल्टीमीडिया के उपयोग ने कंप्यूटर को मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन बना दिया है। आज, कंप्यूटर का उपयोग वीडियो देखने और संगीत डाउनलोड करने, वीडियो गेम खेलने आदि के लिए किया जाता है।
प्रकाशन (Publication): कंप्यूटर का उपयोग प्रकाशन और मुद्रण (Publishing and Printing) उद्योग में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। कंप्यूटर का उपयोग इसे सुविधाजनक और आकर्षक बनाता है। कंप्यूटर का उपयोग पेज लेआउट (Page Layout) बनाने के साथ-साथ प्रिंट करने के लिए भी किया जाता है, रेखाचित्रों (Diagrams) और ग्राफ (Graph) को बनाना अब सुविधाजनक हो गया है। कंप्यूटर ने पुस्तकों (Books) और पत्रिकाओं (Magazines) के निर्माण और पढ़ने के तरीके को बदल दिया है। आज पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए हार्ड-कॉपी किताबों के साथ-साथ ई-पुस्तकें (eBooks) भी प्रकाशित की जाती हैं।
प्रशासन (Administration): सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सरकारी कर्मचारियों को कई तरह की रिपोर्ट तैयार करनी होती है। सरकार के विभिन्न विभागों के सभी प्रशासनिक कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं। आज, डिजिटल इंडिया (Digital India) के माध्यम से, प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों को डिजिटल रूप देकर इसकी गति बढ़ा दी है।
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