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आज की प्रेरणा कहानी /Motivation & Inspire Story

💧✨ आज की प्रेरणा ✨💧✨

 Inspiration Story 



जैसे हर ताले की एक चाबी होती है, वैसे ही हर समस्या का समाधान होता है।


*आज से हम..* विश्वास रखें कि हम हर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।


✨💧✨ *INSPIRATION✨💧✨


Every lock has a key. Likewise every problem has a solution.

*TODAY ONWORDS LET'S*..  have faith that you can solve every problem.


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✨💧✨ आज की प्रेरणा✨💧✨


भरोसा काँच की तरह होता है यदि एक बार टूट गया तो वापस कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।

*आज से हम.. विश्वास बनायें, ना कि तोड़ें।


✨💧✨ INSPIRATION ✨💧✨


Trust is like a glass. Once broken , it will never be the same again.


*TODAY ONWORDS LET'S . build and not break trust. 


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           !! लक्ष्य का निर्धारण !!

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एक बार की बात है, एक निःसंतान राजा था, वह बूढा हो चुका था और उसे राज्य के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी की चिंता सताने लगी थी। योग्य उत्तराधिकारी के खोज के लिए राजा ने पुरे राज्य में ढिंढोरा पिटवाया कि अमुक दिन शाम को जो मुझसे मिलने आएगा, उसे मैं अपने राज्य का एक हिस्सा दूंगा। 

राजा के इस निर्णय से राज्य के प्रधानमंत्री ने रोष जताते हुए राजा से कहा, "महाराज, आपसे मिलने तो बहुत से लोग आएंगे और यदि सभी को उनका भाग देंगे तो राज्य के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगे। ऐसा अव्यावहारिक काम न करें।" 


राजा ने प्रधानमंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री जी, आप चिंता न करें, देखते रहें, क्या होता है।'  निश्चित दिन जब सबको मिलना था, राजमहल के बगीचे में राजा ने एक विशाल मेले का आयोजन किया। मेले में नाच-गाने और शराब की महफिल जमी थी, खाने के लिए अनेक स्वादिष्ट पदार्थ थे। मेले में कई खेल भी हो रहे थे।

 राजा से मिलने आने वाले कितने ही लोग नाच-गाने में अटक गए, कितने ही सुरा-सुंदरी में, कितने ही आश्चर्यजनक खेलों में मशगूल हो गए तथा कितने ही खाने-पीने, घूमने-फिरने के आनंद में डूब गए। इस तरह समय बीतने लगा। 

पर इन सभी के बीच एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसने किसी चीज की तरफ देखा भी नहीं, क्योंकि उसके मन में निश्चित ध्येय था कि उसे राजा से मिलना ही है। इसलिए वह बगीचा पार करके राजमहल के दरवाजे पर पहुंच गया। पर वहां खुली तलवार लेकर दो चौकीदार खड़े थे। उन्होंने उसे रोका। उनके रोकने को अनदेखा करके और चौकीदारों को धक्का मारकर वह दौड़कर राजमहल में चला गया, क्योंकि वह निश्चित समय पर राजा से मिलना चाहता था।

जैसे ही वह अंदर पहुंचा, राजा उसे सामने ही मिल गए और उन्होंने कहा, 'मेरे राज्य में कोई व्यक्ति तो ऐसा मिला जो किसी प्रलोभन में फंसे बिना अपने ध्येय तक पहुंच सका। तुम्हें मैं आधा नहीं पूरा राजपाट दूंगा। तुम मेरे उत्तराधिकारी बनोगे। 


*शिक्षा:-

सफल वही होता है जो लक्ष्य का निर्धारण करता है, उस पर अडिग रहता है, रास्ते में आने वाली हर  कठिनाइयों का डटकर सामना करता है और छोटी-छोटी कठिनाईयों को नजरअंदाज कर देता है।


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।

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                 🌷 धीरे चलो 🌷


नदी के तट पर एक भिक्षु ने वहां बैठे एक वृद्ध से पूछा "यहां से नगर कितनी दूर है ? , सुना है, सूरज ढलते ही नगर का द्वार बंद हो जाता है। अब तो शाम होने ही वाली है। क्या मैं वहां पहुंच जाऊंगा?'

वृद्ध ने कहा "धीरे चलो तो पहुंच भी सकते हो।" 

भिक्षु यह सुनकर हैरत में पड़ गया। वह सोचने लगा कि लोग कहते हैं कि जल्दी से जाओ, पर यह तो विपरीत बात कह रहा है। भिक्षु तेजी से भागा। लेकिन रास्ता ऊबड़-खाबड़ और पथरीला था। थोड़ी देर बाद ही भिक्षु लड़खड़ाकर गिर पड़ा। किसी तरह वह उठ तो गया लेकिन दर्द से परेशान था। उसे चलने में काफी दिक्कत हो रही थी।

 वह किसी तरह आगे बढ़ा लेकिन तब तक अंधेरा हो गया। उस समय वह नगर से थोड़ी ही दूर पर था। उसने देखा कि दरवाजा बंद हो रहा है। उसके ठीक पास से एक व्यक्ति गुजर रहा था। उसने भिक्षु को देखा तो हंसने लगा, भिक्षु ने नाराज होकर कहा, "तुम हंस क्यों रहे हो?"

उस व्यक्ति ने कहा, 'आज आपकी जो हालत हुई है, वह कभी मेरी भी हुई थी। आप भी उस बाबा जी की बात नहीं समझ पाए जो नदी किनारे रहते हैं।'

भिक्षु की उत्सुकता बढ़ गई। उसने पूछा "साफ साफ बताओ भाई।

उस व्यक्ति ने कहा "जब बाबाजी कहते हैं कि धीरे चलो तो लोगों को अटपटा लगता है। असल में वह बताना चाहते हैं कि रास्ता गड़बड़ है, अगर संभलकर चलोगे तो पहुंच सकते हो।


                              👉शिक्षा-


 जिंदगी में सिर्फ तेज भागना ही काफी नहीं है। सोच- समझकर संभलकर चलना ज्यादा काम आता है।


*सदैव प्रसन्न रहिये- जो प्राप्त है, पर्याप्त है !

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है!!

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✨💧✨ आज की प्रेरणा✨💧✨

 

कभी भी सीखना बन्द न करना क्योंकि ज़िंदगी कभी सिखाना बन्द नहीं करती।

*आज से हम हर परिस्थिति में सीखते चलें।


✨💧✨ INSPIRATION ✨💧✨


Never stop learning because life never stops teaching.


*TODAY ONWORDS LET'S*.. learn from every situation that life puts us in.


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         🦋 आज की प्रेरणा 🦋

 

समस्या से भागना एक ऐसी दौड़ है जिसमें आप कभी जीत ही नहीं सकते।

*आज से हम अपनी समस्याओं का सामना करें और उन पर जीत पाएँ...


*💧 TODAY'S INSPIRATION 💧


Running away from problems is a race you will never win!  


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        *🌷 घमंड और साधना 🌷


संत कबीर गांव के बाहर झोपड़ी बनाकर अपने पुत्र कमाल के साथ रहते थे. संत कबीर जी का रोज का नियम था- नदी में स्नान करके गांव के सभी मंदिरों में जल चढाकर दोपहर बाद भजन में बैठते, शाम को देर से घर लौटते। वह अपने नित्य नियम से गांव में निकले थे.

इधर पास के गांव के जमींदार का एक ही जवान लडका था जो रात को अचानक मर गया. रात भर रोना-धोना चला।आखिर में किसी ने सुझाया कि गांव के बाहर जो बाबा रहते हैं उनके पास ले चलो. शायद वह कुछ कर दें.सब तैयार हो गए.

लाश को लेकर पहुंचे कुटिया पर,देखा बाबा तो हैं नहीं,अब क्या करें ?

तभी कमाल आ गए.उनसे पूछा कि बाबा कब तक आएंगे ? कमाल ने बताया कि अब उनकी उम्र हो गई है.सब मंदिरों के दर्शन करके लौटते- लौटते रात हो जाती है.आप काम बोलो क्या है ?

लोगों ने लड़के के मरने की बात बता दी. कमाल ने सोचा कोई बीमारी होती तो ठीक था पर ये तो मर गया है.अब क्या करें ! फिर भी सोचा लाओ कुछ करके देखते हैं.शायद बात बन जाए।कमाल ने कमंडल उठाया.

लाश की तीन परिक्रमा की. फिर तीन बार गंगा जल का कमंडल से छींटी मारा और तीन बार राम नाम का उच्चारण किया.लडका देखते ही देखते उठकर खड़ा हो गया.लोगों की खुशी की सीमा न रही। इधर कबीर जी को किसी ने बताया कि आपके कुटिया की ओर गांव के जमींदार और सभी लोग गए हैं. कबीर जी झटकते कदमों से बढ़ने लगे.उन्हें रास्ते में ही लोग नाचते कूदते मिले.कबीर जी कुछ समझ नही पाए।आकर कमाल से पूछा क्या बात हुई ?

 तो कमाल कुछ और ही बताने लगा.बोला- गुरु जी बहुत eदिन से आप बोल रहे थे ना की तीर्थ यात्रा पर जाना है तो अब आप जाओ यहां तो मैं सब संभाल लूंगा।

कबीर जी ने पूछा क्या संभाल लेगा ? कमाल बोला- बस यही मरे को जिंदा करना,बीमार को ठीक करना.ये तो सब अब मैं ही कर लूंगा. अब आप तो यात्रा पर जाओ जब तक आप की इच्छा हो।

कबीर ने मन ही मन सोचा- चेले को सिद्धि तो प्राप्त हो गई है पर सिद्धि के साथ ही साथ इसे घमंड भी आ गया है.पहले तो इसका ही इलाज करना पडेगा बाद मे तीर्थ यात्रा होगी क्योंकि साधक में घमंड आया तो साधना समाप्त हो जाती है।

कबीर जी ने कहा ठीक है.आने वाली पूर्णमासी को एक भजन का आयोजन करके फिर निकल जाउंगा यात्रा पर.तब तक तुम आस-पास के दो चार संतो को मेरी चिट्ठी जाकर दे आओ.भजन में आने का निमंत्रण भी देना।

कबीर जी ने चिट्ठी मे लिखा था-

कमाल भयो कपूत,कबीर को कुल गयो डूब।

कमाल चिट्ठी लेकर गया एक संत के पास.उनको चिट्ठी दी.चिट्ठी पढ के वह समझ गए.उन्होंने कमाल का मन टटोला और पूछा कि अचानक ये भजन के आयोजन का विचार कैसे हुआ ?

कमाल ने अहं के साथ बताया- कुछ नहीं.गुरू जी की लंबे समय से तीर्थ पर जाने की इच्छा थी.अब मैं सब कर ही लेता हूं तो मैने उन्हें कहा कि अब आप जाओ यात्रा कर आओ.तो वह जा रहे है ओर जाने से पहले भजन का आयोजन है।

संत दोहे का अर्थ समझ गए.उन्होंने कमाल से पूछा- तुम क्या क्या कर लेते हो ? तो बोला वही मरे को जिंदा करना बीमार को ठीक करना जैसे काम।

संत जी ने कहा आज रूको और शाम को यहां भी थोडा चमत्कार दिखा दो.उन्होंने गांव में खबर करा दी.थोडी देर में दो तीन सौ लोगों की लाईन लग गई.सब नाना प्रकार की बीमारी वाले.संत जी ने कमाल से कहा- चलो इन सबकी बीमारी को ठीक कर दो।

कमाल तो देख के चौंक गया. अरे, इतने सारे लोग हैं.इतने लोगों को कैसे ठीक करूं.यह मेरे बस का नहीं है.संत जी ने कहा- कोई बात नहीं. अब ये आए हैं तो निराश लौटाना ठीक नहीं.तुम बैठो।

संत जी ने लोटे में जल लिया और राम नाम का एक बार उच्चारण करके छींट दिया.एक लाईन में खड़े सारे लोग ठीक हो गए.फिर दूसरी लाइन पर छींटा मारा वे भी ठीक.बस दो बार जल के छींटे मार कर दो बार राम बोला तो सभी ठीक हो के चले गए। संत जी ने कहा- अच्छी बात है कमाल.हम भजन में आएंगे. पास के गांव में एक सूरदास जी रहते हैं. उनको भी जाकर बुला लाओ फिर सभी इक्ठ्ठे होकर चलते हैं भजन में।

कमाल चल दिया सूरदास जी को बुलाने.सारे रास्ते सोचता रहा कि ये कैसे हुआ कि एक बार राम कहते ही इतने सारे बीमार लोग ठीक हो गए. मैंने तीन बार प्रदक्षिणा की.तीन बार गंगा जल छिड़क कर तीन बार राम नाम लिया तब बात बनी।यही सोचते -सोचते सूरदास जी की कुटिया पर पहुंच गया.जाके सब बात बताई कि क्यों आना हुआ.कमाल सुना ही रहा था कि इतने में सूरदास बोले- बेटा जल्दी से दौड के जा.टेकरी के पीछे नदी में कोई बहा जा रहा है.जल्दी से उसे बचा ले।

कमाल दौड के गया.टेकरी पर से देखा नदी में एक लडका बहा आ रहा था.कमाल नदी में कूद गया और लडके को बाहर निकाल कर अपनी पीठ जी लादके कुटिया की तरफ चलने लगा।चलते- चलते उसे विचार आया कि अरे सूरदास जी तो अंधे हैं. फिर उन्हें नदी और उसमें बहता लडका कैसे दिख गया.उसका दिमाग सुन्न हो गया था.लडके को भूमि पर रखा तो देखा कि लडका मर चुका था।

सूरदास ने जल का छींटा मारा और बोला- “रा”. तब तक लडका उठ के चल दिया.अब तो कमाल अचंभित की अरे इन्हें तो पूरा राम भी नहीं बोला. खाली रा बोलते ही लडका जिंदा हो गया।

तब कमाल ने वह चिट्ठी खोल के खुद पढी की इसमें क्या लिखा है जब उसने पढा तो सब समझ मे आ गया।वापस आ के कबीर जी से बोला गुरु जी संसार मे एक से एक सिद्ध हैं उनके आगे मैं कुछ नहीं हूं.गुरु जी आप तो यहीं रहिए.अभी मुझे जाकर भ्रमण करके बहुत कुछ सीखने समझने की जरूरत है।


                            👉शिक्षा


कथा का तात्पर्य कि गुरू की कृपा से सिद्धियां मिलती हैं.उनका आशीर्वाद होता है तो साक्षात ईश्वर आपके साथ खड़े होते हैं.गुरू,गुरू ही रहेंगे.वह शिष्य के मन के सारे भाव पढ़ लेते हैं और मार्गदर्शक बनकर उन्हें पतन से बचाते हैं..!!


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।


               🌷 आज की प्रेरणा🌷


अगर हम अपने मन को काबू में कर लें तो हम अपनी ज़िन्दगी को भी काबू में कर सकेंगे।

*आज से हम अपने मन को काबू करें...


    💧 TODAY'S INSPIRATION 💧


If we master our mind, we will master our lives.

*TODAY ONWARDS LET'S* master our mind.


          !! व्यवस्था !!

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जंगल में शेर ने एक फैक्ट्री डाली... उसमें एकमात्र काम करने वाली चींटियाँ थी जो समय से आती जाती थीं और फैक्ट्री का सारा काम करती थी।


शेर का व्यसाय बहुत ही व्यवस्थित ढंग से चल रहा था।


एक दिन शेर ने सोचा कि ये चींटियां इतना सुंदर काम कर रही है, अगर इसको किसी विशेषज्ञ के निगरानी में रख दूँ तो और बेहतर काम कर सकती है।


ये ख्याल मन में आते ही शेर ने एक मधुमक्खी को मैनेजर नियुक्त कर दिया।


मधुमक्खी को कार्य का बहुत अनुभव था और वह रिपोर्ट्स लिखने में भी बहुत होशियार थी।


मधुमक्खी ने शेर से कहा कि सबसे पहले हमें चींटियों का काम करने का समय सारणी बनाना होगा। फिर उसके काम का सारा रिकार्ड अच्छी तरह रखने के लिए मुझे एक अलग से सेक्रेटरी चाहिए होगा।


शेर ने खरगोश को सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त कर दिया।


शेर को मधुमक्खी का कार्य पसंद आया। उसने कहा कि चींटियों के अब तक पूरे हुए सारे कार्यों की रिपोर्ट दो और जो प्रगति हुई है उसको एक सुंदर ग्राफ बनाकर निर्देशित करो।


मधुमक्खी ने कहा ठीक है, मगर मुझे इसके लिए कंप्यूटर, लेज़र प्रिंटर और प्रोजेक्टर चाहिए होगा। इस सबके लिए शेर ने एक कंप्यूटर डिपार्टमेंट बना दिया और बिल्ली को वहां का सर्वेसर्वा नियुक्त कर दिया।


अब चींटी अपना काम करने के बजाय सिर्फ कागज़ी रिपोर्ट बनाने में ध्यान देने लगी, जिससे उसका काम पिछड़ता गया और अंततः प्रोडक्शन कम हो गया।


शेर ने सोचा कि कंपनी में एक तकनीकी विशेषज्ञ रखा जाय जो मधुमक्खी की सलाहों पर अपनी राय दे सके। ऐसा सोंचकर उसने बंदर को तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिया।


अब चींटी को जो भी काम दिया जाता वह उसको पूरी सामर्थ्य से करने की कोशिश करती लेकिन अगर काम कभी पूरा नहीं होता तो वह विवश होकर उसको अपूर्ण छोड़कर घर चली जाती।


शेर को लगातार नुकसान होने लगा तो वह बहुत बेचैन हो उठा। कोई उपाय न देख मजबूरी में उसने उल्लू को नुकसान का कारण पता लगाने के लिए नियुक्त कर दिया।


तीन महीने बाद उल्लू ने शेर को अपनी विस्तृत व बेहद गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी; जिसमें उसने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वालों की संख्या ज्यादा है औऱ कंपनी के घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों को सस्पेंड, नोटिस, बर्खास्त करना होगा...


*शिक्षा:-

अब आप गंभीरता से सोचिए; किसको सस्पेंड, नोटिस, बर्खास्त किया जाएगा..??

चींटियों को... क्योंकि वास्तव में वही एक मात्र वर्कर थी। "यही व्यवस्था इन्सान करता है।"


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*

*जिसका मन मस्त है, उसके पास समस्त है।।*


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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*


            *!! राजा और मंत्री !!*

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एक राजा जिसका बहुत बडा राज्य था। कोई कमी नहीं थी जो भी हुक्म करते वही हो जाता था। लेकिन राजा में एक आदत थी कि वह जो भी कोई थोड़ी सी गलती करता उसे तुरंत दस बडे खुंखार कुत्तों के सामने डालकर उसे कुत्तों से नुचवाता। राजा बडे गुस्से वाला था।


राजा की इस आदत से सभी परेशान थे। राजा का मंत्री भी राजा की इस आदत की आलोचना करता था। एक दिन उसी मंत्री से कोई गलती हो गयी। राजा को गलती का पता चला तो राजा ने तुरंत हुक्म दिया कि जाओ मंत्री को कुत्तों के सामने ले जाओ।


मंत्री ने राजा से गलती मानी, माफी मांगी लेकिन राजा ने कुछ नहीं सुना। और कहा कि जो कह दिया सो कह दिया। और सिपाहियों से कहा ले जाओ कुत्तों के बाडे में। मंत्री ने कहा ठीक है राजा जी लेकिन मेरी आखिरी इच्छा तो मान लो। राजा ने कहा ठीक है बताओ अपनी आखिरी इच्छा। मंत्री ने कहा मुझे दस दिन की महौलत दे दीजिए बस। राजा ने कहा ठीक है दस दिन की महौलत दे देते हैं।


लेकिन ग्यारहवें दिन सजा जरूर मिलेगी। मंत्री दस दिन तक राजा के पास नहीं आया। और ग्यारहवें दिन राजा के सामने पेश हो गया। राजा ने मंत्री को देखा और सिपाहियों से कहा जो सजा रखी थी मंत्री के लिए उसे पूरी की जाए। सिपाही मंत्री को कुत्तों के बाडे में लेकर गये, कुत्तों को भी खोल दिया गया। लेकिन कुत्ते मंत्री पर प्रहार करने के बजाय मंत्री से प्यार से पेश आ रहे थे।


यह देखकर राजा चौंक गया कि जिन कुत्तों को प्रहार करने के लिए ट्रेन किया गया है वे इतने प्यार से पेश आ रहे हैं। राजा ने मंत्री से कहा कि ये चमत्कार कैसे हो गया! इन कुत्तों को क्या हो गया है। मंत्री ने जवाब दिया कि इन दस दिनों में मैंने इन कुत्तों की बहुत सेवा की है। इन्हें खाना खिलाया, नहलाया अब ये कुत्ते जान चुके हैं कि मैं इनके लिए कुछ अच्छा करता हूँ ना कि बुरा। ये मुझ पर प्रहार नहीं करेंगे। मैंने आपकी इतने दिनों से सेवा की है, फिर भी आप मेरी एक गलती को माफ नहीं कर सके। आपसे ज्यादा अच्छे तो ये कुत्ते हैं जो अच्छा और बुरे को पहचानते हैं। राजा यह सब देखकर बड़ा शर्मिन्दा हुआ।


*शिक्षा:-

हमें हमेशा सोच समझ कर फैसले लेने चाहिए। किसी की एक गलती को लेकर ही उसे जिन्दगी भर के लिए सजा नहीं देनी चाहिये बल्कि उसे माफ करने की हिम्मत रखनी चाहिए..!!


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*

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  *✨💧✨ आज की प्रेरणा ✨💧✨*


केवल एक चीज़ है जो किसी सपने का पूरा होना असंभव बनाती है – असफलता का डर।


👉 *आज से हम* अपने डर पर काबू पाएँ और आत्मविश्वास को बढ़ाएँ...


✨💧✨TODAY'S INSPIRATION ✨💧✨


There's only one thing that makes a dream impossible to achieve –THE FEAR OF FAILURE


👉 *TODAY ONWARDS LET'S* overcome our fears and boost self-confidence.

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*♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*


             *!! दया की महिमा !!*

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एक बहेलिया था। चिड़ियों को जाल में या गोंद लगे बड़े भारी बाँस में फँसा लेना और उन्हें बेच डालना ही उसका काम था। चिड़ियों को बेचकर उसे जो पैसे मिलते थे, उसी से उसका काम चलता था।


एक दिन वह बहेलिया अपनी चद्दर एक पेड़ के नीचे रखकर अपना बड़ा भारी बाँस लिये किसी चिड़िया के पेड़ पर आकर बैठने की राह देखता बैठा था। इतने में एक टिटिहरी चिल्लाती दौड़ी आयी और बहेलिये की चद्दर में छिप गयी।

टिटिहरी ऐसी चिड़िया नहीं होती कि उसे कोई पालने के लिये खरीदे। बहेलिया उठा और उसने सोचा कि अपनी चद्दर में से टिटिहरी भगा देना चाहिये। इसी समय वहाँ ऊपर उड़ता एक बाज दिखायी पड़ा। बहेलिया समझ गया कि यह बाज टिटहरी को पकड़ कर खा जाने के लिये झपटा होगा, इसी से टिटिहरी डरकर मेरी चद्दर में छिपी है। बहेलिये के मन में टिटिहरी पर दया आ गयी। उसने ढेले मारकर बाज को वहाँ से भगा दिया। बाज के चले जानेपर टिटिहरी चद्दर से निकलकर चली गयी।

कुछ दिनों पीछे बहेलिया बीमार हुआ और मर गया। यमराज के दूत उसे पकड़कर यमपुरी ले गये। यमपुरी में कहीं आग जल रही थी, कहीं चूल्हे पर बड़े भारी कड़ाही में तेल उबल रहा था।पापी लोग आग में भूने जाते थे, तेल में उबाले जाते थे। यमराज के दूत पापियों को कहीं कोड़ों से पिटते थे, कहीं कुल्हाड़ी से काटते थे। और भी भयानक कष्ट पापियों को वहाँ दिया जाता था। बहेलिये के वहाँ जाते ही, वहाँ सैकड़ों, हजारों चिड़ियाँ आ गयीं और वे कहने लगीं– ‘इसने हमें बिना अपराध के फँसाया और बेचा है। हम इसकी आँखें फोड़ देंगी और इसका मांस नोच-नोचकर खाएँगी।’

बेचारा बहेलिया डर के मारे थर-थर काँपने लगा। उसी समय वहाँ एक टिटिहरी आयी। उसने हाथ जोड़कर यमराज से कहा– ‘महाराज! इसने बाज से मेरे प्राण बचाये हैं। इसको आप क्षमा करें।’

यमराज बोले– ‘यह बड़ा पापी है। सब चिड़ियाँ इसे नोचेंगी और फिर इसे जलाया जायगा और कुल्हाड़ों से काटा जायगा। लेकिन यह छोटी टिटिहरी इसको बचाने आयी है। इसने एक बार इस चिड़िया पर दया की है। इसलिये इसको अभी संसार में लौटा दो और इसे एक वर्ष जीने दो।’

यमराज के दूत बहेलिये के जीव को लौटा लाये। बहेलिये के घरके लोग उसकी देह को श्मशान ले गये थे और चितापर रखनेवाले थे। वे लोग रो रहे थे। इतने में बहेलिया जी गया। वह बोलने और हिलने लगा। उसके घर के लोग बहुत प्रसन्न हुए और उसके साथ घर लौट आये।

बहेलिये को यमराज की बात याद थी।उसने चिड़िया पकड़ना छोड़ दिया। अपने भाइयों से भी चिड़िया पकड़ने का काम उसने छुड़ा दिया। वह मजदूरी करने लगा। सबेरे और शाम को वह रोज चिड़ियों को थोड़े दाने डालता था। बहुत-सी चिड़ियाँ उसके दाने खा जाया करती थीं। अब रोज वह भगवान् की प्रार्थना करता था और भगवान् का नाम जपता था। इससे बहेलिये के सब पाप कट गये। एक वर्ष बाद जब वह मरा, तब उसे लेने देवताओं का विमान आया और वह स्वर्ग चला गया।

*शिक्षा:-

हमें भी किसी भी जीवन को कष्ट नहीं देना चाहिये। सभी जीवों पर दया करनी चाहिये। जो जीवों पर दया करता है, उस पर भगवान् प्रसन्न होते हैं।


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।

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         *♨️ आज का प्रेरक प्रसंग ♨️*


          🌷!! सच्चा न्याय !!🌷


एक बार एक राजा शिकार खेलने गया। उसका तीर लगने से जंगलवासियों में से किसी का बच्चा मर गया। बच्चे की माँ विधवा थी और यह बच्चा उसका एकमात्र सहारा था। विधवा न्यायधीश के पास पहुंची। रोती-पीटती विधवा न्यायधीश के पास पहुंची और उससे फरियाद की।

जब न्यायधीश को पता चला कि बालक राजा के तीर से मरा है, तो उनको समझ में नहीं आया कि वह इंसाफ कैसे करें। अगर उसने विधवा के हक में फैसला दिया तो राजा को सजा सुनानी होगी। यदि विधवा के साथ अन्याय किया, तो ईश्वर को क्या जवाब देगा।

काफी सोच विचार कर वह फरियाद सुनने को राजी हुआ। उसने विधवा को दूसरे दिन अदालत में बुलवाया। विधवा की फरियाद सुनने के पश्चात राजा को भी अदालत में बुलवाना आवश्यक था। वह राजा के पास यह सूचना किसी दूत से भेज सकता था। उसने अपने एक सहायक को राजा के पास भेजा की वह अदालत में हाजिर हो।

सहायक किसी प्रकार हिम्मत करके न्यायधीश का संदेश राजा को सुनाने पहुंचा। वह हाथ जोड़कर राजा के समक्ष उपस्थित हुआ तथा न्यायधीश का संदेश सुनाया। राजा ने कहा कि वह दूसरे दिन अदालत में अवश्य हाजिर होगा।

दूसरे दिन सुबह राजा न्यायधीश की अदालत में हाजिर हुआ। वह जाते समय कुछ सोचकर अपने वस्त्रों के नीचे तलवार छिपाकर ले गया।

न्यायधीश की अदालत भीड़ से खचा-खच भरी हुई थी। इस फैसले को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आये थे। राजा अदालत में आया तो प्रत्येक व्यक्ति उसके सम्मान में खड़ा हो गया। लेकिन न्यायधीश अपने स्थान पर बैठा रहा वह खड़ा नहीं हुआ। उसने विधवा को आवाज लगायी तो वह अंदर आयी। न्यायधीश ने उससे फरियाद करने को कहा। विधवा ने सबके सामने अपने बेटे के मरने की कहानी कह सुनायी।

अब न्यायधीश ने राजा से कहा- “महाराज! इस विधवा का बेटा आपके तीर से मारा गया है। आप पर उसको मारने का आरोप है। इस विधवा की यह हानि किसी भी स्थिति में पूरी नहीं हो सकती। मैं आदेश देता हूं कि किसी भी हालत में इसका नुकसान पूरा करें।

राजा ने उस विधवा से क्षमा मांगी और कहा- “मैं तुम्हारे इस नुकसान को पूरा नहीं कर सकता; किंतु इसकी भरपाई के लिए मैं पूरी उम्र तुम्हारा सारा खर्च उठाने तथा तुम्हारी सेवा करने का वचन देता हूं, जिसे तुम्हारी जिंदगी सुख-चैन से कट सके।”

विधवा राजी हो गयी। न्यायधीश अपने स्थान से उठ खड़ा हुआ तथा उसने अपनी जगह राजा के लिए खाली कर दी।

राजा बोला- “न्यायधीश जी! अगर आप ने फैसला करने में मेरा सम्मान नहीं किया होता तो मैं तलवार से आपकी गर्दन काट देता। कहकर उसने अपने वस्त्रों में छिपी तलवार बाहर निकालकर सब को दिखाई।”

न्यायाधीश सिर झुकाकर बोला- “महाराज! अगर आप ने मेरा आदेश मानने में जरा भी टाल-मटोल की होती तो मैं हंटर से आप की खाल उधड़वा देता।” इतना कहकर उसने भी अपने वस्त्रों के अंदर से एक चमड़े का हंटर निकालकर सामने रख दिया।

राजा न्यायधीश की बात से बड़ा प्रसन्न हुआ और उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया।


*सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।*

*जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।*

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 🔑  शक्ति के 48 नियम – विस्तृत हिंदी व्याख्या तो चलिए शुरू करते हैं Robert Greene की किताब – The 48 Laws of Power (शक्ति के 48 नियम) को डीटेल हिंदी व्याख्या के साथ। 1. अपनी ताक़त कभी पूरी मत दिखाओ 👉 अगर आप सबको अपनी पूरी क्षमता दिखा देंगे, तो लोग आपसे डरेंगे और आपके खिलाफ हो जाएंगे। हमेशा थोड़ा रहस्य बनाए रखो, ताकि लोग आपको हल्के में लें और आप सही समय पर अपनी असली ताक़त दिखा सको। 2. दोस्तों पर ज़्यादा भरोसा मत करो, दुश्मनों से काम लो 👉 दोस्त कभी-कभी जलन या ईर्ष्या में धोखा दे सकते हैं। दुश्मन अगर आपके साथ जुड़ता है तो वो खुद को साबित करना चाहता है। इसलिए रिश्ते बनाते समय सावधानी रखें। 3. अपने इरादे छुपाकर रखो 👉 कभी भी अपनी पूरी योजना सबके सामने मत रखो। लोग अगर आपके असली इरादे जान गए तो वो आपको रोक सकते हैं। 4. कम बोलो, ताक़त बढ़ेगी 👉 जितना ज़्यादा बोलते हो, उतना लोग आपकी कमजोरी पहचानते हैं। कम बोलने वाला व्यक्ति रहस्यमय और ताक़तवर लगता है। 5. अपनी इमेज (छवि) की रक्षा करो 👉 दुनिया में आपकी पहचान ही आपकी सबसे बड़ी संपत्ति है। इसलिए अपनी छवि को बचाकर रखें। 6...

Chloroboost needs की जरूरत किसे है??

  CHLOROBOOST (Chlorophyll) की जरूरत किसे है??❓❓ और किसलिए है??❓❓ 🌿🌿‼️‼️🌿🌿‼️‼️🌿🌿‼️‼️ 🔹 उत्तर:- * @ 🌿🌿Chloroboost🌿 एक आयुर्वेदिक उत्पाद है,  प्राकृतिक भोजन है, जिसका उपयोग हम सभी व्यक्ति कर सकते हैं , जिसकी जरुरत हम सभी को है। * कृपया,  इसे क्लिक कर भी इसे जरुर पढ़े:-👉👉 Please Click Here:-- Chloroboost में मिश्रित सभी प्राकृतिक संसाधनों उत्पाद। लाभ:- • शारीरिक अंदरुनी सफाई हेतु सहायक है । • पाचन क्रिया शक्ति को बढ़ावा हेतु मदद करता है । • PH Level को Balance बनाए रखता है।  • कैल्शियम की कमी को ठीक करने हेतु। • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने हेतु। • Nervous System को सही  व Brain दिमाग याददाश्त को तेज बनाए रखने हेतु। • वातावरण के धूल धक्कड़ से बचाव जो कि Polutions से सुरक्षा हेतु जरूरत है।                यह 🌿🌿Chloroboosts☘ वातावरण व कारखानों, सड़कों से आने वाले दूषित धूल के कण शरीर में जाने अनजाने में अंदर जा रहे हैं जिससे हम बीमार पड़ रहे हैं जिससे अनेक अनेक प्रकार की समस्याएं हो रही है- जैसे:-  दमा, अस्थम...

The 48 Laws of Power/ शक्ति के 48 नियम

📘  48 Laws of Power – One Line Summary (Hindi + English) The 48 Laws of Power in Hindi-- इस LINK 🖇️ को CLICK करें। 🌟 अब मैं आपके लिए सभी 48 नियमों का शॉर्टकट (Quick Revision) बना रहा हूँ – 👉 हर नियम का हिंदी + English में एक-लाइन सारांश। अपनी ताक़त कभी पूरी मत दिखाओ। Never outshine the master. दोस्तों पर कम, दुश्मनों पर ज़्यादा भरोसा करो। Never put too much trust in friends, use enemies instead. अपने इरादे छुपाओ। Conceal your intentions. कम बोलो, ताक़तवर बनो। Always say less than necessary. अपनी छवि की रक्षा करो। Protect your reputation at all costs. ध्यान आकर्षित करो। Court attention at all costs. दूसरों से काम लो, श्रेय खुद लो। Get others to do the work, take the credit. लोगों को आप पर निर्भर रखो। Make others depend on you. बहस नहीं, काम से जीत हासिल करो। Win through actions, never arguments. नकारात्मक लोगों से दूर रहो। Avoid the unhappy and unlucky. लोगों को जोड़ो, लेकिन पूरी आज़ादी मत दो। Keep others dependent on you. ईमा...