Buddha ( बुद्ध)
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*बुद्ध ने ज्ञान के सार को कुल 55 बिंदुओं में समेट दिया।*
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👉 चार - आर्य सत्य
👉 पाँच - पंचशील
👉 आठ - अष्टांगिक मार्ग और
👉 अड़तीस - महामंगलसुत (जो कि हकीकत में 20 हीं है)
अर्थात, अधिक से अधिक
👉 कुल 55
ज्ञान के सारगर्भित बातों को 55 बातों में समेट दिया। यही बात पाखंडियों को हजम
नहीं हुई। और
कुल 55 बातों (सच्चे ज्ञान) से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए
पाखंडियों ने👉👉
चार वेद,
अठारह पुराण,
श्रुतियां,
स्मृतियाँ,
उपनिषद,
रामायण,
महाभारत,
गीता
जैसे पाखंडी रचना रच डाली।
सिर्फ इसलिए कि बुद्ध की सारगर्भित 55 बातों से लोगों को भटकाया जा सके और अपनी
धर्म की दुकान जारी रखी जा सके।
- *बुद्ध के चार आर्य सत्य*
1. दुनियाँ में दु:ख है।
2. दु:ख का कारण है।
3. दु:ख का निवारण है। और
4. दु:ख के निवारण का उपाय है।
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- *पंचशील*
1. झूठ न बोलना
2. अहिंसा
3. चोरी नहीं करना
4. व्यभिचार नहीं करना और
5. नशापान/मद्यपान नहीं करना
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- *अष्टांगिक मार्ग*
1. सम्यक दृष्टि (दृष्टिकोण) /Right view
2. सम्यक संकल्प / Right intention
3. सम्यक वाणी / Right speech
4. सम्यक कर्मांत/ Right action
5. सम्यक आजीविका/ Right livelihood (profession)
6. सम्यक व्यायाम / Right exersie (physical activity)
7. सम्यक स्मृति / Right mindfulness
8. सम्यक समाधि / Right meditation (Vpasana Meditation)
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*तथागत बुद्ध ने 38 प्रकार के मंगल कर्म बताये है जो महामंगलसुत के नाम से
भी जाना जाता है, निम्न प्रकार है -*
1. मूर्खों की संगति ना करना।
2. बुद्धिमानों की संगति करना।
3. शीलवानो की संगति करना।
4. अनुकूल स्थानों में निवास करना।
5. कुशल कर्मों का संचय करना।
6. कुशल कर्मों में लग जाना।
7. अधिकतम ज्ञान का संचय करना।
8. तकनीकी विद्या अर्थात शिल्प सीखना।
9. व्यवहार कुशल एवं विनम्र होना।
10. विवेकवान होना।
11. सुंदर वक्ता होना।
12. माता पिता की सेवा करना।
13. पुत्र-पुत्री-स्त्री का पालन पोषण करना।
14. अकुशल कर्मों को ना करना।
15. बिना किसी अपेक्षाके दान देना।
16. धम्म का आचरण करना।
17. सगे सम्बंधियों का आदर सत्कार करना।
18. कल्याणकारी कार्य करना।
19. मन, शरीर तथा वचन से परपीड़क कार्य ना करना।
20. नशीली पदार्थों का सेवन ना करना।
21. धम्म के कार्यों में तत्पर रहना।
22. गौरवशाली व्यक्तित्व बनाए रखना।
23. विनम्रता बनाए रखना।
24. पूर्ण रूप से संतुष्ट होना अर्थात तृप्त होना।
25. कृतज्ञता कायम रखना।
26. समय समय पर धम्म चर्चा करना ।
27. क्षमाशील होना।
28. आज्ञाकारी होना।
29. भिक्षुओ, शीलवान लोगों का दर्शन करना।
30. मन को एकाग्र करना।
31. मन को निर्मल करना।
32. सतत जागरूकता बनाए रखना ।
33. पाँच शीलों का पालन करना।
34. चार आर्य सत्यों का दर्शन करना ।
35. आर्य अष्टांगिक मार्ग पर चलना।
36. निर्वाण का साक्षात्कार करना।
37. लोक धम्म लाभ हानि, यश अपयश, सुख-दुख,जय-पराजय से विचलित ना होना।
38. शोक रहित, निर्मल एवं निर्भय होना।
अगर कोई अपने दैनिक जीवन में इन 38 मंगल कर्मों का पालन करने लग जाये, तो उसके
जीवन से सारे दुःख एवं परेशानियां हमेशा के लिए दूर हो जायेंगी।।।
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उम्मीद है कि गृहस्थ जीवन में बुद्ध की शिक्षाओं के अनुरुप जीवन जीने के लिए
ईच्छुक साधकों को आज पूर्ण जानकारी उपलब्ध हो गयी है।
अध्यात्म के क्षेत्र में गहरा उतरने वालों को त्रिपिटक का अध्ययन करना चाहिए।
किंतु, गृहस्थ जीवन सफल और सम्मानित तरीके से जीने और निर्वाण प्राप्त करने के
लिए यहाँ दी गई 55 बातें हीं काफी (सफिसियेंट) है।
तो आईये।👏
बुद्ध के बताये मार्ग पर चलकर जीवन यापन करें और धार्मिक आडंबरों और पाखंड से दूर
रहें।
बुद्धं शरणम गच्छामि!
धम्मं शरणम गच्छामि!
संघम् शरणम गच्छामि!
नमो बुद्धाय !👌💐
भवतु सब्ब मंगलम!
🙏🌹
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🌻📌गौतम बुद्ध के विचार♦️🌻
चार महान श्रेष्ट सत्य :
1. दुनियाँ में दुःख है।
2. दुखों की कोई-न-कोई कारण है।
3. दुखों का निवारण मुमकिन है।
4. दुःख निवारण का मार्ग है ।
- दुखों की मूल वजह अज्ञान है।
अज्ञान के कारण ही इंसान मोह-माया
और तृष्णा में फंसा रहता है।
- अज्ञान से छुटकारा पाने के लिए।
⭕अष्टांग मार्ग का पालन है.
1. संम्यक दृष्टि। =
सही समझ
2.संम्यक संकल्प। =
सही विचार,
3. संम्यक वाणी। =
सही वाणी,
4.संम्यक कर्म। =
सही कार्य,
5. संम्यक आजीविका। = सही आजीविका,
6. संम्यक व्यायाम । = सही प्रयास,
7. संम्यक स्मृति । = सही
सजगता और
8. संम्यक समाधि । = सही
एकाग्रता।
🌞 साधना के जरिए सर्वोच्च सिद्ध अवस्था को
पाया जा सकता है।
यही अवस्था बुद्ध कहलाती है।
और इसे कोई भी पा सकता है।
🌞 इस ब्रह्मांड को चलानेवाला कोई नहीं है।
और न ही कोई बनानेवाला है।यह स्वयं संचालित है।
🌞 न तो ईश्वर है और न ही आत्मा। जिसे लोग
आत्मा समझते हैं, वह चेतना का प्रवाह है।
यह प्रवाह कभी भी रुक सकता है।
🌞 भगवान और भाग्यवाद कोरी कल्पना है।
जो हमें जिंदगी की सचाई और असलियत से
अलग कर दूसरे पर निर्भर बनाती है।
🌞 पांचों इंद्रियों की मदद से जो ज्ञान मिलता है।
उसे आत्मा मान लिया जाता है। असल में बुद्धि
ही जानती है कि क्या है और क्या नहीं।
बुद्धि का होना ही सत्य है। बुद्धि से ही यह
समस्त संसार प्रकाशवान है।
🌞 न यज्ञ से कुछ होता है और न ही धार्मिक
किताबों को पढ़ने मात्र से। धर्म की किताबों को
धरती से परे मानना नासमझी है।
पूजा-पाठ से पाप नहीं धुलते।
🌞 जैसा मैं हूं, वैसे ही दूसरा प्राणी है। जैसे दूसरा
प्राणी है, वैसा ही मैं हूं इसलिए न किसी को
मारो, न मारने की इजाजत दो।
🌞 किसी बात को इसलिए मत मानो कि दूसरों ने
ऐसा कहा है या यह रीति-रिवाज है या बुजुर्ग
ऐसा कहते हैं या ऐसा किसी धर्म प्रचारक का
उपदेश है। मानो उसी बात को, जो कसौटी पर
खरी उतरे। कोई परंपरा या रीति-रिवाज
अगर मानव कल्याण के खिलाफ है।
तो उसे मत मानो।
🌞 खुद को जाने बगैर आत्मवान नहीं हुआ जा
सकता। निर्वाण की हालत में ही खुद को जाना
जा सकता है।
🌞 इस ब्रह्मांड में सब कुछ क्षणिक और नश्वर है।
कुछ भी स्थायी नहीं। सब कुछ लगातार
बदलता रहता है।
🌞 एक धूर्त और खराब दोस्त जंगली जानवर से
भी बदतर है, क्योंकि जानवर आपके शरीर को
जख्मी करेगा, जबकि खराब दोस्त दिमाग को
जख्मी करेगा।
🌞 आप चाहे कितने ही पवित्र और अच्छे शब्द पढ़
लें या बोल लें, लेकिन अगर उन पर अमल न
करें, तो कोई फायदा नहीं।
🌞 सेहत सबसे बड़ा तोहफा है, संतुष्टि सबसे बड़ी
दौलत और वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता है।
🌞 अमीर और गरीब, दोनों से एक जैसी
सहानुभूति रखो क्योंकि हर किसी के पास
अपने हिस्से का दुख और तकलीफ है।
बस किसी के हिस्से ज्यादा तकलीफ आती है,
तो किसी के कम।
🌞 हजारों लड़ाइयां जीतने से बेहतर खुद पर जीत
हासिल करना है। आपकी इस जीत कोई भी नही छीन सकता।
🌞 इंसान को गलत रास्ते पर ले जानेवाला उसका
अपना मन होता है, न कि उसके दुश्मन।
🌞 शक से बुरी आदत कोई नहीं होती।
यह लोगों के दिलों में दरार डाल देती है।
यह ऐसा जहर है,जो रिश्तों को
कड़वा कर देता है। ऐसा कांटा है,
जो घाव और तकलीफ देता है। यह ऐसी
तलवार है, जो मार डालती है।
🌞 क्रोध के लिए आपको सजा नहीं दी जाएगी,
बल्कि खुद क्रोध आपको सजा देगा।
अत्त दीपो भवः(अपना दीपक स्वयं बनों)
सब्ब भवतु मंगलम💐सबका मंगल हो🙏🏻🙏🌹🙏
💐💐💐🔹️🔹️🔹️💐👏👏💐💐🌹
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🌻धम्म प्रभात🌻
What is Life?
जब मनुष्य जन्म लेता है तो उसके पास सांसे तो होती हैं पर कोई नाम नहीं होता और
जब मनुष्य की मृत्यु होती है तो उसके पास नाम तो होता है पर सांसे नहीं होती।
इसी सांसों और नाम के बीच की यात्रा को कहते हैं - जीवन ।
जीवन में विश्वास महत्वपूर्ण है। इन १० बातों में विश्वास रखते हैं तो
जीवन बहेतर होता है।
🌿जीवन का मतलब:
{1} हर कोई खुशहाल जीवन जीना चाहेगा, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसका मतलब
क्या होगा या इसे कैसे पूरा किया जाएगा।
🌿नकारात्मकता से छुटकारा:
{२} हमारी भावनाएँ और मनोवृत्तियाँ प्रभावित करती हैं कि हम कैसा महसूस करते
हैं। प्रशिक्षण के साथ, हम खुद को नकारात्मक से छुटकारा दिला सकते हैं और उन
लोगों को विकसित कर सकते हैं जो स्वस्थ और अधिक सकारात्मक हैं। ऐसा करने से
हमारा जीवन खुशहाल और अधिक संपन्न होगा।
🌿आत्म नियंत्रण:
{३} क्रोध, भय, लालच और मोह जैसी भावनाओं को दूर करने से हमें मानसिक शांति और
आत्म-नियंत्रण खोना पड़ता है। प्रशिक्षण के साथ, हम अपने आप को उनके नियंत्रण
में होने से मुक्त कर सकते हैं।
🌿शान्ति :
{४} क्रोध या लालच से मजबूर होकर कार्य करना हमारे लिए समस्याएँ पैदा करता है
और दुःख का कारण बनता है। प्रशिक्षण के साथ, हम शांत होना सीख सकते हैं, स्पष्ट
रूप से सोच सकते हैं और बुद्धिमानी से काम कर सकते हैं।
🌿सकारात्मक भावनाएं :
{५} सकारात्मक भावनाएं जैसे प्यार, करुणा, धैर्य और समझ हमें शांत, खुले और
स्पष्ट रहने में मदद करती हैं, और हमें अधिक खुशी लाती हैं। प्रशिक्षण के साथ,
हम उन्हें विकसित करना सीख सकते हैं।
🌿नि:स्वार्थ व्यवहार :
{६} आत्मचिंतन, स्वार्थी व्यवहार और विचार हमें दूसरों से दूर करते हैं और हमें
दुखी करते हैं। प्रशिक्षण के साथ, हम उन्हें दूर कर सकते हैं।
🌿मददगार होना :
{७} यह महसूस करते हुए कि हम सभी आपस में जुड़े हुए हैं और यह कि हमारा
अस्तित्व एक दूसरे पर निर्भर है, हमारे दिल और दिमाग को खोलता है, हमें दूसरों
के लिए चिंता विकसित करने में मदद करता है, और हमें अधिक खुशी देता है।
🌿भ्रम को दूर करना :
{८} जो हम अपने आप में और दूसरों में महसूस करते हैं उनमें से अधिकांश भ्रम के
आधार पर कल्पना के अनुमान हैं। जब हम मानते हैं कि हमारे अनुमान वास्तविकता के
अनुरूप हैं, तो हम अपने और दूसरों के लिए समस्याएं पैदा करते हैं।
🌿वास्तविकता :
{९} सही समझ के साथ, हम खुद को भ्रम से मुक्त कर सकते हैं और वास्तविकता देख
सकते हैं। यह हमें जीवन में जो कुछ भी होता है, उससे शांति और समझदारी से
निपटने में सक्षम बनाता है।
🌿बेहतर इंसान :
{१०} बेहतर इंसान बनने के लिए खुद पर काम करना जीवन भर की चुनौती है, लेकिन
सबसे सार्थक चीज हम अपने जीवन के साथ कर सकते हैं।
• 📌 मनुष्य जीवन अनमोल है।✅ बेहतर इंसान बनने के लिए उच्च आदर्श होना जरूरी है।
👏👏⚘💐
मनुष्य जीवन में प्रथम आदर्श है- सदाचार
दूसरा आदर्श है- सम्यक दृष्टि और चित्त
की एकाग्रता
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तीसरा आदर्श है - यथाभूत ज्ञान ।
संक्षिप्त में - शील, समाधि और प्रज्ञा का मार्ग बेहतर इंसान बनने के लिए आदर्श है।
न किसी के अभाव में जियो,
न किसी के प्रभाव में जियो।
यह जिंदगी है आपकी, बेहतर जीवन जियो।
🌹👌नमो बुद्धाय🙏🙏🙏💐💐
👏👏⚘💐






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